महिला दिवस: फिल्म 'अनसुनी आवाजें'
संपादकीय Mar 08, 2020घरेलू कामगार यूनियन ने घरेलू कामगारों के जीवन एवं काम की परिस्थितियों पर बनी फि़ल्म ‘अनसुनी आवाज़ें’ दिल्ली की शानदार और चमचमाती कोठियों में बसनेवालों की ज़िन्दगी आसान बनानेवालों की कहानी कहती है। फि़ल्म बताती है कि देश की एक बड़ी आबादी दिल्ली जैसे महानगरों में अपनी मेहनत को कौड़ियों के मोल बेचने को मजबूर है और गुमनामी में जी रही है। फि़ल्म यह भी बताती है कि घरेलू कामगारों की यह आबादी 10 घण्टे खटने के बाद भी मज़दूर का दर्जा पाने से वंचित है। ऐसा इसलिए है कि इनके लिए अभी तक कोई क़ानून नहीं है। फि़ल्म इस...