इस गांव के लोग गलती से भी अपनी बच्ची का नाम शबनम नहीं रखते!

उत्तर प्रदेश

पश्चिमी उत्तर प्रदेश के अमरोहा जिले में बावन खेड़ी नामक एक गांव है, यहां के लोग शबनम नाम से खौफ खाते हैं और गलती से भी अपने बच्चों नाम शबनम नहीं रखते। दरअसल, इन लोगों को लगता है कि शबनम नाम नहीं बल्कि एक कलंक है। आइए आपको बताते हैं क्या है पूरा मामला।

वर्ष 2008 का अप्रैल महीना था, शबनम नाम की एक युवती ने प्यार और दौलत के लिए अपने प्रेमी सलीम के साथ मिलकर अपने ही पूरे परिवार को मौत के घाट उतार दिया था। शबनम के परिवार में सात लोग थे, जिसमें उसका दो वर्ष का एक मासूम भतीजा भी था। उन्होंने कुल्हाड़ी से एक-एक करते हुए सबका सिर काट डाला था। शबनम के चाचा सत्तार कहते हैं कि शबनम और उसके प्रेमी सलीम को अभी तक सजा नहीं हुई है, जबकि सुप्रीम कोर्ट उन्हें सजा सुना चुका है। राष्ट्रपति ने भी उनकी दया याचिका नामंजूर कर दी थी, लेकिन इसके बाद भी आज तक दोनों को सजा नहीं दी गई है। हालांकि, अब शबनम को फांसी देने की तैयारी की जा रही है और रामपुर के जेलर आरके वर्मा ने कहा है कि डेथ वारंट जारी होते ही शबनम को मथुरा जेल के लिए रवाना कर दिया जाएगा, जहाँ उसे फांसी दी जाएगी।

गांव के ही एक फुरकान अहमद का कहना है कि जो भी हुआ था, वो गलत हुआ था। इस घटना से लोगों के दिल और दिमाग पर भी काफी असर डाला है। इस कारण आज तक किसी ने भी अपने बच्चे का नाम शबनम नहीं रखा। एक स्थानीय निवासी ने बताया कि लोग डरते हैं कहीं ऐसा कांड दोबारा न हो जाए, इसलिए अपनी बच्ची का नाम शबनम नहीं रखते हैं।

Back to Top