पीएम मोदी ने बताया कृषि में सुधार का फार्मूला

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पीएम नरेंद्र मोदी ने कृषि क्षेत्र में बढ़ते उत्पादन का हवाला देते हुए सोमवार को फसलों की कटाई के बाद क्रांति (पोस्ट हार्वेस्ट रिवॉल्यूशन) की जरुरत पर जोर दिया। उन्होंने कहा कि वैश्विक महामारी कोरोना वायरस के कारण उभरी अप्रत्याशित चुनौतियों के बावजूद मेहनती किसानों ने रिकार्ड उत्पादन किया। राष्ट्रीय कृषि और ग्रामीण विकास बैंक (नाबार्ड) के स्थापना दिवस के मौके पर एक संदेश में पीएम मोदी ने कहा कि, 'निरंतर बढ़ रहे कृषि उत्पादन को देखते हुए फसलों की कटाई के बाद क्रांति और मूल्य वर्धन की जरुरत है। पीएम मोदी का संदेश यहां आयोजित एक समारोह में पढ़कर सुनाया गया।

उन्होंने अपने सन्देश में कहा कि, ''इस लक्ष्य को प्राप्त करने के लिए तीव्र गति से हम अपनी कोशिशों की दिशा में आगे बढ़ रहे हैं। सिंचाई से लेकर बुवाई, कटाई और आमदनी का प्रौद्योगिकी आधारित संपूर्ण समाधान पाने के लिए हम व्यापक कदम उठा रहे हैं।' बता दें कि केंद्र सरकार ने गत वर्ष तीन नये कृषि कानून संसद से पारित किए थे, किन्तु इसके खिलाफ कुछ किसानों के आंदोलन के चलते इसका क्रियान्वयन स्थगित कर दिया गया है। इस साल जनवरी में सुप्रीम कोर्ट ने तीनों कानूनों को लागू करने पर रोक लगा दी थी और आंदोलनरत किसान संगठनों और सरकार के बीच गतिरोध को दूर करने के लिए एक समिति गठित की थी।

पीएम मोदी ने कहा था कि सरकार का प्रयास कृषि क्षेत्र में युवा उद्यमियों को प्रोत्साहित करना और स्टार्टअप का प्रसार करना है। उन्होंने कहा कि, ''हम वैज्ञानिक पारिस्थितिकी तंत्र तैयार करने पर जोर दे रहे हैं, गांवों की आकांक्षाओं के अनुरूप विकास को रफ़्तार दे रहे हैं और समग्र सोच के साथ कृषि क्षेत्र की अर्थव्यवस्था को बदलने का प्रयास कर रहे हैं।'

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