17 राज्यों को 9,871 करोड़ रुपये का राजस्व घाटा, आखिर क्यों ?

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वित्त मंत्रालय ने गुरुवार को बोला है कि उसने 17 राज्यों को 9,871 करोड़ रुपये के राजस्व घाटा अनुदान की छठी मासिक किस्त भी जारी कर चुके है। संविधान के अनुच्छेद 275 के तहत राज्यों को अंतरण के उपरांत राजस्व घाटा अनुदान (पीडीआरडी) प्रदान किये जा चुके है। यह अनुदान 15वें वित्त आयोग की सिफारिशों के अनुसार केन्द्रीय करों में राज्यों की हिस्सेदारी के अंतरण के उपरांत राज्यों के राजस्व खाते में अंतर को दूर करने के लिए मासिक किस्त में जारी कर दिया जाता है।

वित्त मंत्रालय का बड़ा बयान
वित्त मंत्रालय ने एक बयान में बोला कि व्यय मंत्रालय ने आज 17 राज्यों को 9,871 करोड़ रुपये के PDRD अनुदान की छठी मासिक किस्त को जारी कर दिया गया है। इस किस्त से चालू वित्त वर्ष में पात्र राज्यों को कुल 59,226 करोड़ रुपये की राशि आवंटित कर दी गई है। मंत्रालय के अनुसार इस अनुदान को प्राप्त करने की राज्यों की पात्रता और अनुदान की मात्रा का निर्धारण वित्त आयोग द्वारा राज्य के राजस्व और व्यय के आकलन में अंतर के आधार पर किया जाने लगा है।

17 राज्यों को कर हिस्सेदारी हस्तांतरण
15वें वित्त आयोग ने PDRD अनुदान के लिए आंध्र प्रदेश, असम, हरियाणा, हिमाचल प्रदेश, कर्नाटक, केरल, मणिपुर, मेघालय, मिजोरम, नागालैंड, पंजाब, राजस्थान, सिक्किम, तमिलनाडु, त्रिपुरा, उत्तराखंड और पश्चिम बंगाल जैसे राज्यों के नाम पेश कर दिए गए है। 15वें वित्त आयोग ने साल 2021- 22 के बीच 17 राज्यों को कर हिस्सेदारी हस्तांतरण के उपरांत राजस्व घाटे की भरपाई के लिये 1,18,452 करोड़ रुपये का अनुदान दिये जाने की सिफारिश की है।

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