बड़वानी में बारिश का कहर, दो गांवों का संपर्क टूटा

मध्यप्रदेश

मध्य प्रदेश के बड़वानी में लगातार जारी बारिश के बाद सुसनेर नदी में पानी आ जाने के चलते दो गांवो का संपर्क अन्य गांवों से टूट गया है। पिछले 8 दिनों से अपने गांव में फंसे लोग जान जोखिम में डाल, तार के सहारे झूल कर नदी से आना-जाना कर रहे हैं।

क्या है पूरा मामला ?
दरअसल पानसेमल जनपद पंचायत ग्राम पंचायत तिल्ली खेत गाँव और धावड़ी पंचायत के 27-28 गांव के लोग सुसनेर नदी में पानी बढ़ जाने के चलते, उनका अन्य गांवों के लोगों से संपर्क टूट गया है। गांव आने जाने का एकमात्र रास्ता जो है सुसनेर नदी के बीच से होकर गुजरता है तो नदी में तेज बहाव होने से लोग इसे पार नहीं कर पा रहे हैं, लेकिन अपनी दैनिक आवश्यकताओं की चीजों के लिए लोगों को अपनी जान जोखिम में डालना पड़ रहा है। तार के सहारे झूल कर नदी से आना-जाना कर रहे हैं। नदी के दोनों और पेड़ों से दो तार बंधे हैं, एक तार से नदी के पार आना और दूसरी तरफ नदी के उस पार जाना करते हैं जिसमें तार पर तार की ही लटकन बनाकर तार से लटककर आना-जाना करते हैं। लोग कहते हैं कि बीमारों को लाना ले जाना काफी मुश्किल है। समय पर उपचार न हो पाने से कई बार गर्भवती महिलाओं व बुर्जुर्गों की मौत हो चुकी है। कई वर्षों से पुल की मांग कर रहे हैं लेकिन किसी ने सुध तक नहीं ली। नेता आते हैं वादा करके चले जाते हैं। अधिकारी भी आए, सब ने वादा किया, लेकिन आज भी उनकी समस्या जस की तस बरकरार है।

गांव वालों का क्या है कहना ?
गांव वालों का कहना है कि किसी ने नहीं ली हमारी सुध। यह तस्वीर काफी भयावह और शर्मनाक है। भयावह इसलिए कि लोग तार के सहारे जान जोखिम में डाल कर नदी से आना-जाना कर रहे हैं। अगर हाथ फिसला तो नदी के तेज बहाव में बहने के बाद उनका बचना मुश्किल है। शर्मनाक इसलिए कि आजादी के कई साल बीत जाने के बाद कई सरकारों के विकास के बड़े-बड़े दावों के बीच एक पुलिया के आभाव में लोगों को तार के सहारे छोर तक नदी से आना-जाना पड़ रहा है।

एसडीएम के मुताबिक
वहीं पानसेमल एसडीएम सुमेर सिंह मुजाल्दे मानते हैं कि 2 गांव के लोग इस तरह फंसे हुए हैं और तार के सहारे आना जाना कर रहे हैं। यह गांव वन गांव है और सड़क और पुल बनाने के लिए वन विभाग की अनुमति लेने का प्रयास किया जा रहा है इसलिए पुल नहीं बन पाया।

 

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