लॉकडाउन के बाद परिवहन सेवा शुरू करने से पहले ठोस इंतजाम किए जाएं : बघेल

छत्तीसगढ़

छत्तीसगढ़ के मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने लॉक डाउन के बाद परिवहन सेवाएं शुरू किए जाने से पहले ठोस उपाय किए जाने की मांग की है। उन्होंने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को पत्र लिखकर कहा है कि बिना उपाय किए लॉक डाउन के बाद अंतर राज्यीय परिवहन सेवाएं शुरू किए जाने से नई कठिनाइयां बढ़ने की भी आशंका रहेगी।

मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने कोरोना वायरस महामारी की स्थिति को लेकर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को पत्र लिखा है। उन्होंने इस पत्र में कहा है कि छत्तीसगढ़ वह राज्य है जिसने 18 मार्च को पहला मरीज मिलने पर ही 19 मार्च से लॉक डाउन की घोषणा कर दी थी। आपके निर्णय अनुसार अप्रैल तक लक डाउन की स्थिति रहेगी।

राज्य में आखिर कोरोनावायरस काबू में कैसे रखा गया है इसका जिक्र करते हुए उन्होंने कहा कि शासन की ओर से किए गए उपाय और अनुशासित जन सहयोग से अभी तक यह स्थिति बनी हुई है। वहीं देश के अन्य भागों में कोरोना वायरस पीड़ितों की संख्या में लगातार वृद्घि हो रही है और जैसे तैसे वायरस टेस्ट की संख्या में बढ़ोतरी होने पर संक्रमित लोगों की संख्या भी बढ़ने की संभावना है।

उन्होंने 14 अप्रैल के बाद अर्थात लॉक डाउन की अवधि समाप्त होते ही ट्रेन, वायु यातायात और अंतर राज्यीय सड़क परिवहन प्रारंभ किए जाने की संभावनाओं का जिक्र करते हुए कहा है कि ऐसा होने पर छत्तीसगढ़ सहित अन्य राज्यों में संक्रमित व्यक्ति आ सकते हैं , जिससे छत्तीसगढ़ राज्य को नई कठिनाइयों का सामना करना पड़ सकता है। इस तरह की स्थितियां अन्य राज्यों में भी उत्पन्न होने की संभावना है।

बघेल ने अपने पत्र में प्रधानमंत्री को सुझाव दिया है कि अंतर राज्यीय आवागमन को प्रारंभ करने का निर्णय लेने के पूर्व व्यापक विचार विमर्श कर ऐसे ठोस उपाय किए जाएं जिससे कि पूरे देश में कोरोनावायरस स्थिति को नियंत्रण में रखा जा सके।

छत्तीसगढ़ में कोरोनावायरस की महामारी को रोकने के लिए किए गए प्रयासों का जिक्र करते हुए बघेल ने अपने पत्र में लिखा है कि राज्य में चार अप्रैल तक 1590 व्यक्तियों के सैंपल लिए गए थे, इनमें से 1335 व्यक्तियों के परिणाम नेगेटिव आए हैं , वहीं 205 की जांच जारी है। राज्य में अब तक 10 लोग ही कोरोनावायरस पीड़ित पाए गए, इनमें से सात व्यक्ति ठीक होकर घरों को चले गए हैं और तीन मरीजों की हालत सामान्य है। राज्य में अब तक कोई भी गंभीर रूप से पीड़ित नहीं है और ना ही कोई मौत हुई है।

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