नाथ की नोटिस पर राजनीति, महापौर शेजवलकर को कारण बताओ नोटिस जारी

मध्यप्रदेश

मध्य प्रदेश में कमलनाथ सरकार आने के बाद अब नोटिस की राजनीति शुरू हो गयी है। सरकार के निशाने पर प्रदेश के तीन नगरीय निकाय है। ऐसे में छिंदवाड़ा महापौर कांता योगेश सदारंग को पद से हटाने के लिए दिया गया नोटिस हाईकोर्ट से खारिज होने के तुरंत बाद राज्य सरकार ने अब ग्वालियर नगर निगम के भाजपा के महापौर विवेक शेजवलकर को भी कारण बताओ नोटिस थमा दिया है। महापौर के साथ ही इस मामले में नगर निगम ग्वालियर के वर्तमान कमिश्नर और आईएएस विनोद शर्मा को भी नोटिस जारी किया गया है। ऐसे में महापौर कह रहे है, कमलनाथ सरकार नोटिस पॉलटिक्स कर रही है, तो वही विपक्ष सरकार की इस कार्रवाई को जायजा ठहरा रहा है।

सूबे के नगरीय विकास एवं आवास विभाग द्वारा पिछले साल दिसंबर में गठित जांच दल के द्वारा भाजपाई महापौर वाले छिंदवाड़ा, रीवा और ग्वालियर नगर निगमों के कामकाज की जांच पड़ताल कराई गई थी। जिसके बाद छिंदवाड़ा की मेयर कांता सदारंग को नोटिस थमाया था। अब उसके बाद ग्वालियर महापौर विवेक शेजवलकर को नोटिस थमाया गया है। शेजवलकर ने नोटिस मिलने की पुष्टि करते हुए जल्दी ही आवश्यक कदम उठाने की बात कही है।

महापौर को 15 दिन में देना होगा जवाब
ग्वालियर के महापौर शेजवलकर और कमिश्नर विनोद शर्मा को नगरीय विकास एवं आवास विभाग द्वारा जारी किए गए नोटिस में 15 दिन की अवधि में जवाब देने के लिए समय दिया गया है।

नोटिस में ग्वालियर महापौर और कमिश्नर पर आरोप


· संस्थाओं की बजाय व्यक्तिगत लोगों को नगद अनुदान की राशि परिषद के अनुमोदन बगैर दी गई है।

· दुकानों की नीलामी में स्टांप ड्यूटी की चोरी की गई।

· नगर निगम ग्वालियर द्वारा 101 टैक्सी किराए पर लगाई गई, लेकिन इनमें से केवल एक टैक्सी ही टैक्सी कोटे पर परिवहन विभाग में पंजीकृत थी जबकि बाकी की एक सैकड़ा वाहन टैक्सी कोटे में पंजीकृत ही नहीं थे।

मामले में एमआईसी दोषी
जिन मामलों को लेकर महापौर और कमिश्नर को नोटिस मिला है। उस मामले की शिकायत विपक्ष काफी समय से कर रहा था। ऐसे में अब विपक्ष कह रहा है, कि इस मामले में अकेले मेयर और कमिश्नर दोषी नही है। बल्कि पूरी एमआईसी दोषी है, जिसने नियमों को दरकिनाकर करके गलत फैसलें लिए है।

लोकायुक्त पुलिस ने इन लोगों पर किया मामला दर्ज
ग्वालियर के वर्तमान महापौर और कमिश्नर को व्यक्तिगत अनुदान बांटने के मामले में जो नोटिस दिया गया है। ऐसे ही मामले में पूर्व महापौर समीक्षा गुप्ता,तत्कालीन नगर निगम कमिश्नर और ओड़ीसा कैडर के आईएएस अफसर आरएस राजपूत, विनोद शर्मा, वेद प्रकाश तत्कालीन नेता प्रतिपक्ष के खिलाफ लोकायुक्त पुलिस मामला भी दर्ज कर चुकी है। अब ऐसे में फिर से कमलनाथ सरकार का पद का दुरूउपयोग करने के मामले मौजूदा मेयर और कमिश्नर को नोटिस मिलने के बाद फिर से सियासी माहौल गर्मा गया है।

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