सरगुजा में पुलिस कस्टडी में लगातार हो रही मौतों पर राजनीति शुरू

छत्तीसगढ़

सरगुजा में पुलिस कस्टडी में इंसानों की मौत का मामला थम नहीं रहा है। ऐसे में राजनीति ना हो, शायद राजनीति धर्म में ऐसा हो नहीं सकता। लिहाजा अम्बिकापुर की पुलिस कस्टडी में हुई आरोपी के मौत मामले ने राजनैतिक रंग ले लिया है, लेकिन हैरान कर देने वाली बात है कि प्रदेश का एक मंत्री इस घटना को बेहद शर्मनाक बता रहा है, तो दूसरे मंत्री को पुलिस तंत्र में कोई खामी ही नजर नहीं आती है। इससे अलग विपक्षी दल भाजपा के नेता इस मामले में प्रदेश सरकार को घेरने की कवायद में जुटा है।

प्रदेश में पुलिस की व्यवस्था चरमरा गई
अम्बिकापुर के कोतवाली थाने में दर्ज चोरी के मामले की साईबर सेल की टीम जांच कर रही थी और उन्हीं की कस्टडी में होते हुए सलका निवासी आदिवासी युवक पंकज बेक ने सेल के पीछे स्थित एक निजी अस्पताल में आत्महत्या कर ली थी। जब उसका शव बरामद हुआ तो उसके शरीर में चोट के गंभीर निशान के साथ ही पैर के नाखून उखडे मिले थे। लेकिन इस घटना को लेकर जब हमने अम्बिकापुर पहुंचे। प्रदेश के राजस्व मंत्री जय सिंह अग्रवाल से बातचीत की तो उन्होंने ये मानने से इंकार कर दिया कि प्रदेश में पुलिस की व्यवस्था चरमरा गई है।


घटना के बाद शहर में जमकर बवाल
अम्बिकापुर के साईबर क्राईम कार्यालय में रखे गए चोरी के एक आरोपी ने पुलिस कस्टडी में आत्महत्या कर ली थी। दो दिन पहले की इस घटना के बाद शहर में जमकर बवाल हुआ। कभी शहर में मृत के शव को सड़क पर रखकर प्रदर्शन हुआ। तो कभी उससे पुलिस कर्मियो की बर्खास्तगी को लेकर शव को अंतिम संस्कार में कई घंटे लग गए। इन सब के बीच आईजी सरगुजा के.सी. अग्रवाल ने तत्काल प्रभाव से कोतवाली थाना प्रभारी, साईबर सेल प्रभारी समेत 5 लोगों को निलंबित कर दिया और मामले की न्यायिक जांच भी शुरु हो गई। पर अब मामला राजनैतिक गलियारों को गर्म करने लगा है। इस मामले को लेकर अपने स्पष्टवादी छवि के लिए चर्चित प्रदेश के स्वास्थ्य मंत्री और स्थानीय विधायक टी.एस. सिंहदेव ने पुलिस की कार्यप्रणाली पर सवाल उठाते हुए घटना को बेहद शर्मनाक बताया है। पुलिस प्रताड़ना से हुई मौत के मामले में प्रदेश के दो मंत्री का अलग अलग मत है। दोनों की बातों में विरोधाभास की स्थिति है।

विष्णुदेव साय ने प्रदेश सरकार पर लगाया आरोप
इधर इन दो मंत्रियों के बयान के ठीक एक दिन पहले अम्बिकापुर पहुंचे पूर्व केन्द्रीय मंत्री विष्णुदेव साय ने पंकज की मौत के मामले में प्रदेश सरकार पर आऱोप लगाया था औऱ उन्होंने कहा कि प्रदेश में पूरी तरह से गुण्डाराज चल रहा है। प्रदेश की पुलिस पर शासन का कोई नियंत्रण नहीं हैं। सरगुजा में पुलिस कस्टडी में मौत का ये पहला मामला नहीं है, ब्लिक एक ही महीने में अम्बिकापुर के सा्थ ही सूरजपुर जिले के चंदोरा थाना में भी एक आरोपी ने पुलिस लाकप में आत्महत्या कर ली थी। इधर भाजपा ने अम्बिकापुर के साईबर सेल कस्टडी में युवक की मौत मामले में जांच कमेंटी बनाकर मामले की अपनी तरफ से जांच कराने की बात कही है। बहरहाल ऐसी घटना हो और लोग नेता मौत पर रोटी ना सेंके। शायद आज की राजनीति में ये संभव नहीं है।

 

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