कभी साधू बनना चाहते थे मोदी, कैसे हुई राजनीति में एंट्री, जानिए पूरी खबर
देश Sep 17, 2019क्या आप जानते हैं, गुजरात में अपना जलवा दिखाकर चर्चा में आने वाले और आज देश और दुनिया के सबसे लोकप्रिय नेताओं में शुमार नरेंद्र दामोदर दास मोदी कभी साधु बनना चाहते थे? इतना ही नहीं एक समय था जब उन्होंने चाय की दुकान भी लगाई। नरेंद्र मोदी के जीवन में इसी तरह के कई उतार-चढ़ाव आए। आज उनके जन्म दिवस पर जानते हैं उनके जीवन से जुड़े दिलचस्प प्रसंग।
आम बच्चों से बिल्कुल अलग थे मोदी
नरेंद्र मोदी बचपन में आम बच्चों से बिल्कुल भिन्न थे। वे अपने काम भी अलग तरह का कर जाते थे। एक बार वो घर के समीप स्थित शर्मिष्ठा तालाब से एक घड़ियाल का बच्चा पकड़कर घर लेकर आ गए। तब उनकी मां ने कहा बेटा इसे वापस छोड़ आओ, नरेंद्र इस पर राजी नहीं हुए। फिर उनकी मां ने समझाया कि यदि कोई तुम्हें मुझसे चुरा ले तो तुम पर और मुझ पर क्या बीतेगी, जरा सोचो। तब जाकर बात बालक नरेंद्र को समझ में आ गई और वो उस घड़ियाल के बच्चे को तालाब में वापस छोड़ आए।
मोदी बनना चाहते थे संन्यासी
बचपन में नरेंद्र मोदी को साधु संतों को देखना काफी अच्छा लगता था। मोदी खुद भी संन्यासी बनना चाहते थे। संन्यासी बनने के लिए नरेंद्र मोदी स्कूल की पढ़ाई ख़त्म करने के बाद घर से भाग गए थे और इस दौरान मोदी पश्चिम बंगाल के रामकृष्ण आश्रम समेत कई जगहों पर घूमते रहे और आखिर में हिमालय पहुंच गए और कई महीनों तक साधुओं के साथ रहे। पीएम मोदी के अनुसार, हिमालय पर रहने के दौरान ही उन्हें महसूस हुआ कि उन्हें अपना जीवन जन कल्याण में लगाना चाहिए। हिमालय से लौटकर मोदी आरएसएस में शामिल हो गए, जिसके बाद गुजरात के सीएम से लेकर देश के सबसे लोकप्रिय प्रधानमंत्री बनने तक उन्होंने पीछे मुड़कर नहीं देखा।