मरीज की क्लीनिकल स्थिति का समिति मूल्याकंन कर टोसिलिजुमेब इंजेक्शन की उपलब्धता सुनिश्चित करेंगी

मध्यप्रदेश

कोविड-19 के ऐसे मरीज जिनकी हालत गंभीर है। उनका क्लीनिकल आधार पर चिकित्सक द्वारा मूल्यांकन कर आवश्यक स्थितियों में ही गंभीर मरीजों की टोसिलिजुमेव इंजेक्शन लगवाया जाता है। वर्तमान में प्रदेश के लिए 1190 (80 mg strength) इंजेक्शन का आवंटन किया गया है। यह इंजेक्शन संभागीय मुख्यालय में सिपला के स्टॉकिस्ट के पास रखवाये जा रहे है। इनका उपयोग एवं वितरण के लिये  संभाग स्तर पर समिति गठित की गई है।

स्वास्थ्य आयुक्त श्री आकाश त्रिपाठी ने बताया कि उज्जैन संभाग की समिति में संभागीय संयुक्त संचालक, स्वास्थ्य सेवायें उज्जैन एवं सिविल सर्जन सह अस्पताल अधीक्षक उज्जैन सदस्य है। शेष संभागों के लिये संबंधित मुख्यालय के अधिष्ठाता, शासकीय चिकित्सा महाविद्यालय एवं संबंधित संभागीय संयुक्त संचालक, स्वास्थ्य सेवायें सदस्य है। यह समिति निर्धारित परिपत्र में कोविड अस्पतालों के ऐसे मरीज जिन्हें टोसिलिजुमेब इंजेक्शन की आवश्यकता बताई जा रही हो, का विवरण प्राप्त करेगी। समिति मरीज की क्लीनिकल स्थिति का मूल्याकंन कर एवं आवश्यकतानुसार चिकित्सा महाविद्यालय के श्वास विशेषज्ञ से सलाह लेकर मरीज को टोसिलिजुमेब इंजेक्शन दिया जाना है अथवा नहीं यह निर्धारित करेगी। उज्जैन संभाग के लिये जिला चिकित्सालय में पदस्थ श्वास विशेषज्ञ से सलाह ली जावेगी।

स्वास्थ्य आयुक्त ने बताया कि जितने मरीज को इंजेक्शन दिया जाना आवश्यक होगा उससे संबंधित अस्पतालों को इंजेक्शन का रिलीज आर्डर समिति जारी करेगी। सिपला के स्टॉकिस्ट द्वारा रिलीज आर्डर के आधार पर उतनी संख्या में टोसिलिजुमेब इंजेक्शन का भुगतान प्राप्त कर उस कोविड अस्पताल को इंजेक्शन जारी किये जायेंगे। टोसिलिजुमेब इंजेक्शन की अत्यंत सीमित आपूर्ति को देखते हुए यह पूरी व्यवस्था संभागायुक्त के मार्गदर्शन एवं नियंत्रण में सम्पादित की जावेगी।

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