Vision IAS से संबंधित फैकल्टी सदस्यों की विवादित वीडियोज सामने

देश

Vision IAS से संबंधित फैकल्टी सदस्यों की विवादित वीडियोज सामने आने के बाद एक और चर्चित टीचर की वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल हो रहा है। इस टीचर का नाम अवध प्रताप ओझा है, जो महाराष्ट्र के IQRA IAS इंस्टिट्यूट में पढ़ाते हैं। वीडियो में वे आतंकी ओसामा बिन लादेन का महिमामंडन करते नज़र आ रहे हैं। 

 

वीडियो में ओझा सर कह रहे हैं कि, 'ओसामा बिन लादेन। उसको पता था मुझे किससे लड़ना है। मार दिया ट्विन टावर पर। पूरी दुनिया जानने लगी उसका नाम। उसने अमेरिका के घर में घुसकर उसको तमांचा मारा। ये उपलब्धि है। उसने एक बार ही हमला किया। इसे कहते हैं सपना। इससे मतलब नहीं है कि अमेरिकी सेना उसे (लादेन को) मारा।' एक दूसरे वीडियो में ओझा इस्लाम की उत्पत्ति के बारे में बात कर रहे हैं। वह कह रहे हैं कि, 'इस्लाम जब पैदा हुआ तब पूरे विश्व में अँधेरा छाया हुआ था। इस्लाम का इतिहास पढ़ो। यूरोप में विच हंट (चुड़ैल) के नाम पर महिलाओं को जलाया जा रहा था। भारत में सती प्रथा थी। चीन में लड़कियों को मारा जा रहा था। चारों ओर अँधेरा था, और अँधेरे के बीच मोहम्मद साहब हाथ में दीया लिए खड़े थे, इस्लाम…प्यार…संदेश।'

 

 

ओझा सिर कहते हैं कि, 'मोहम्मद एक रास्ते से रोज़ जाते थे। वहाँ एक महिला उन पर कूड़ा डालती थी। यदि कोई हमारे ऊपर कूड़ा डाले तो हम उसे गोली मार देंगे कि हमारे ऊपर किसी ने कचरा कैसे फेंका। टीचर पर कूड़ा कैसे फेंका, इतनी औकात तुम्हारी। लेकिन एक दिन उस महिला ने मोहम्मद पर कूड़ा नहीं फेंका, तो मोहम्मद मकान के अंदर गए। पूछा मोहतरमा कहाँ है। पता चला वो बीमार हैं। उनका हाल चाल पूछा कि मालिक से दुआ करूँगा आप जल्दी ठीक हो जाएँ।' बता दें कि अवध प्रताप ओझा IQRA IAS में इतिहास के वरिष्ठ फैकल्टी हैं। वह पेशे से वकील हैं और बीते 15 सालों से UPSC के उम्मीदवारों को पढ़ा रहे हैं। उनकी यह वीडियो सामने आने के बाद सोशल मीडिया पर एक बार फिर ये बहस शुरू हो गई है कि आखिर UPSC जैसी परीक्षा के लिए तैयार करवाने वाले शिक्षक अभ्यार्थियों को क्या सिखा रहे हैं।

 

बता दें कि इससे पहले सिविल सेवा परीक्षाओं की तैयारी कराने वाले कोचिंग सेंटर Vision IAS की एक शिक्षिका स्मृति शाह के कुछ वीडियो वायरल हुए थे, जिसमे वे, शेख अब्दुल्ला को सबसे ज़्यादा लिबरल और सोशलिस्ट बता रहीं थीं। यही नहीं एक वीडियो में स्मृति शाह, कश्मीरी पंडितों के पलायन और उनके शोषण को भी जायज ठहरा रही थीं। 

Back to Top