अनुसूचित-जाति वर्ग के सर्वांगीण विकास के तेज प्रयास

मध्यप्रदेश

प्रदेश में अनुसूचित-जाति वर्ग के सर्वांगीण विकास के लिये राज्य सरकार द्वारा विभिन्न योजनाओं के माध्यम से तेजी से प्रयास किये जा रहे हैं। इन वर्गों के शैक्षणिक एवं आर्थिक सुधार के लिये चलायी जा रही योजनाओं के क्रियान्वयन पर सरकार ने विशेष ध्यान दिया है। वर्तमान में प्रदेश में अनुसूचित-जाति वर्ग के कल्याण के लिये पर्याप्त राशि हो, इसके लिये अनुसूचित-जाति की आबादी के मान से विभागीय बजट में 15.6 प्रतिशत राशि का प्रावधान किया गया है। समाज के सभी वर्गों के मध्य अनुसूचित-जाति के प्रति सामाजिक समरसता कायम करने के लिये भी ठोस प्रयास किये जा रहे हैं। अनुसूचित-जाति वर्ग के प्रतिभाशाली विद्यार्थियों को विदेश अध्ययन छात्रवृत्ति के जरिये विदेशों के उत्कृष्ट शैक्षणिक संस्थानों में अध्ययन के अवसर उपलब्ध करवाये जा रहे हैं ।

आत्म-निर्भर मध्यप्रदेश का रोडमैप

आत्म-निर्भर मध्यप्रदेश की मंशानुरूप काम के उद्देश्य से अनुसूचित जाति कल्याण विभाग द्वारा रोडमैप तैयार किया गया है। योजनाओं के क्रियान्वयन में ऑनलाइन आवेदन प्राप्त करने तथा ऑनलाइन स्वीकृति की व्यवस्था के लिये प्रोग्राम तैयार करने की व्यवस्था लागू की जा रही है। हितग्राहियों की जानकारियों का डिजिटलीकरण किये जाने की व्यवस्था की गयी है। विभाग में ई-ऑफिस सिस्टम को प्रभावी रूप में लागू करने के लिये जिलों से होने वाले पत्राचार को पेपरलेस किया जा रहा है। योजनाओं के क्रियान्वयन के लिये वार्षिक कैलेण्डर तैयार कर पालन की व्यवस्था सुनिश्चित की जा रही है। विभाग की रोजगार-मूलक योजनाओं और कौशल उन्नयन की योजनाओं का ग्रामीण विकास, उद्योग, कृषि, उद्यानिकी और तकनीकी विभाग के साथ कन्वर्जेंस कर पुनर्गठन किया जा रहा है। साथ ही ज्ञानोदय विद्यालयों में स्मार्ट क्लॉस के जरिये अध्ययन की व्यवस्था सुनिश्चित की जा रही है।

प्रधानमंत्री आदर्श ग्राम योजना

प्रदेश में 1033 अनुसूचित बहुल ग्रामों में आदर्श ग्राम योजना संचालित की जा रही है। इस योजना में ऐसे ग्रामों का चयन किया गया है, जिनकी कुल आबादी का 50 प्रतिशत से अधिक अनुसूचित-जाति वर्ग का है। इसके लिये केन्द्र सरकार ने 159 करोड़ 72 लाख की राशि जारी की है। योजना में 994 ग्रामों की ग्राम विकास योजनाएँ तैयार कर ली गयी हैं। चयनित ग्रामों में बुनियादी सुविधाएँ उपलब्ध कराने पर विशेष ध्यान दिया जा रहा है। इस योजना में देश में जितना काम हुआ है, उसका लगभग 24 प्रतिशत काम मध्यप्रदेश में अब तक किया जा चुका है।

शैक्षणिक सुधार

अनुसूचित-जाति वर्ग के 18 लाख 53 हजार विद्यार्थियों को समग्र छात्रवृत्ति पोर्टल के माध्यम से करीब 235 करोड़ रुपये की छात्रवृत्ति वितरित की जा चुकी है। महाविद्यालयीन विद्यार्थियों को इस वर्ष पोस्ट-मेट्रिक छात्रवृत्ति के रूप में 318 करोड़ रुपये की छात्रवृत्ति मंजूर की गयी है। इस वर्ष 35 छात्रों को 5 करोड़ 60 लाख रुपये की विदेश अध्ययन छात्रवृत्ति वितरित की गयी है। जेईई, नीट, क्लेट और एनडीए जैसी राष्ट्रीय स्तर की प्रतियोगी परीक्षाओं में सफलता पाने वाले इस वर्ग के प्रतिभाशाली 30 छात्रों को वाल्मिकी योजना का लाभ दिया गया है। आवास भत्ता योजना में 55 हजार से अधिक विद्यार्थियों को 60 करोड़ रुपये की आर्थिक मदद दी गयी है। योजना में उन विद्यार्थियों को मदद पहुँचाई गयी है, जिन्हें छात्रावासों में सीटें कम होने की वजह से स्थान नहीं मिल सका है। अनुसूचित-जाति वर्ग के प्रतिभाशाली विद्यार्थियों के लिये प्रदेशभर में संचालित 10 ज्ञानोदय विद्यालयों में इस वर्ष कक्षा-10 का परीक्षा का परीक्षा परिणाम 99.04 प्रतिशत और कक्षा-12वीं का परिणाम 95.29 प्रतिशत रहा है।

सामाजिक समरसता

सामाजिक समरसता को प्रोत्साहित करने के लिए के लिये पिछले 2 वर्षों में अतंर्जातीय विवाह करने वाले 1338 दम्पत्तियों को करीब पौने 17 करोड़ की राशि प्रोत्साहन-स्वरूप दी गयी है। प्रत्येक दम्पत्ति को प्रोत्साहन-स्वरूप 2 लाख रुपये की राशि उपलब्ध करायी गई है।

स्व-रोजगार एवं प्रशिक्षण

अनुसूचित-जाति वर्ग के युवाओं को स्व-रोजगार की स्थापना में मदद के लिये राज्य सहकारी अनुसूचित-जाति एवं विकास निगम द्वारा मुख्यमंत्री स्व-रोजगार, सावित्री बाई फूले स्व-सहायता समूह और कौशल उन्नयन योजनाएँ संचालित की जा रही हैं। इनमें चयनित हितग्राही को ऋण के साथ अनुदान और प्रशिक्षण की व्यवस्था की गयी है।

प्रदेश में अनुसूचित-जाति वर्ग की समस्याओं की निष्पक्ष मॉनीटरिंग और उनके हितों के संरक्षण के लिये संवैधानिक प्रावधानों के तहत मध्यप्रदेश राज्य अनुसूचित-जाति आयोग का गठन किया गया है।

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