सीएम पिनराई विजयन का ट्वीट, सामाजिक न्याय को अपनाकर सरकार ने किया समावेशी विकास

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तिरुवनंतपुरम। केरल में वाम लोकतांत्रिक मोर्चा (एलडीएफ) ने शनिवार को अपनी सरकार के दो साल पूरे होने के मौके पर विवादित फिल्म ‘द केरल स्टोरी’ के शीर्षक के संदर्भ में एक विज्ञापन जारी करते हुए दावा किया कि राज्य उसके शासन में सामाजिक सौहार्द और प्रगतिशील मूल्यों की ‘द रियल केरल स्टोरी’ का जश्न मना रहा है।

 

प्रमुख राष्ट्रीय दैनिक अखबारों में प्रकाशित विज्ञापन पोस्ट करते हुए मुख्यमंत्री पिनराई विजयन ने ट्वीट किया कि सामाजिक न्याय को अपनाकर उनकी सरकार ने समावेशी विकास किया है, जो सभी को सशक्त बनाता है।मुख्यमंत्री ने लिखा, ‘‘केरल सरकार की दूसरी वर्षगांठ पर, हम ‘द रियल केरल स्टोरी’ का जश्न मनाते हैं, जहां सपने फलते-फूलते हैं और मानवता पनपती है।

 

 

’’हाल में देशभर में प्रदर्शित हुई हिंदी फिल्म ‘द केरल स्टोरी’ में केरल की नकारात्मक छवि दिखाने का आरोप है।‘द रियल केरल स्टोरी’ विज्ञापन में सरकार ने केरल को ‘‘भारत के ताज का एक हीरा’’ और ‘‘प्रगतिशील आदर्शों का प्रकाश स्तंभ’’ बताया है।विज्ञापन में मुख्यमंत्री विजयन की तस्वीर के साथ किसानों, स्वास्थ्य देखभाल कर्मियों, ट्रांसजेंडर समेत समाज के विभिन्न वर्गों के लोगों को दर्शाया गया है।

 

अपने आलोचकों के आरोपों को खारिज करते हुए सरकार ने विज्ञापन में यह भी दावा किया कि करुणा और सामाजिक न्याय वाम सरकार की नीतियां निर्धारित करते हैं, जो वंचित समुदायों को सशक्त बनाती हैं और सभी के लिए समान अवसर पैदा करती हैं।अखबारों में प्रकाशित पूरे पृष्ठ के रंगीन विज्ञापन में एलडीएफ सरकार की पिछले दो साल की उपलब्धियों का जिक्र किया गया है। इसमें यह भी दावा किया गया है कि दक्षिणी राज्य ‘‘जन केंद्रित प्रगति’’ और ‘‘समावेशी विकास के विशिष्ट मॉडल’’ के उदाहरण के रूप में उभरा है।

 

 

विज्ञापन में कहा गया है कि केरल ने वाम सरकार के शासन में सतत विकास, नवोन्मेष, स्वास्थ्य देखभाल, पर्यटन और अन्य क्षेत्रों में उल्लेखनीय उपलब्धियां हासिल की हैं।इस बीच, विजयन सरकार की दूसरी वर्षगांठ के मौके पर शनिवार को राज्य में विभिन्न कार्यक्रम आयोजित किए जा रहे हैं।हालांकि, विपक्ष ने वाम सरकार के तहत कथित कुशासन और भ्रष्टाचार के खिलाफ प्रदर्शन शुरू कर दिए हैं।विपक्षी दल कांग्रेस नीत यूडीएफ के सैकड़ों कार्यकर्ताओं ने तिरुवनंतपुरम में राज्य सचिवालय की घेराबंदी की। भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) ने भी विभिन्न विरोध-प्रदर्शन किए।

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