राहुल भट्ट के कत्ल को लेकर कश्मीरी पंडितों में आक्रोश

देश

 जम्मू: राहुल भट्ट के क़त्ल को लेकर कश्मीरी पंडितों में भारी आक्रोश है। शुक्रवार को 350 सरकारी कर्मचारियों ने क़त्ल के विरोध में इस्तीफा दे दिया। सभी ने अपना इस्तीफा उपराज्यपाल मनोज सिन्हा को भेज दिया है। ये सभी कश्मीरी पंडित पीएम पैकेज के कर्मचारी हैं। इनका कहना है कि दहशतगर्दो द्वारा सरकारी कर्मचारी राहुल भट्ट के क़त्ल के बाद वे घाटी में स्वयं को असुरक्षित महसूस कर रहे हैं। वहीं थोड़ी देर में कश्मीरी पंडित लाल चौक पर भी आंदोलन करेंगे। इससे पूर्व कश्मीरी पंडितों ने प्रातः जम्मू-अखनूर पुराने हाई-वे जाम कर दिया। इस के चलते उन्होंने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी तथा गृह मंत्री अमित शाह के विरोध में खूब नारेबाजी की। पुलिस ने 8 कश्मीरी पंडितों को हिरासत में ले लिया। वहीं 4 व्यक्ति पुलिस के लाठीचार्ज में घायल हो गए। विरोध के चलते प्रदर्शनकारियों को एयरपोर्ट की ओर जाने से रोकने के लिए पुलिस ने आंसू गैस के गोले भी दागे।

 

उपराज्यपाल मनोज सिन्हा ने ट्विटर पर लिखा कि राहुल भट्ट के घरवालों से मुलाकात की। मैंने उनके परिवार को इन्साफ दिलाने का आश्वासन दिया। सरकार दुख की इस घड़ी में राहुल के परिवार के साथ है। आतंकवादियों तथा उनके समर्थकों को उनके इस अपराध के लिए बहुत बड़ी कीमत चुकानी पड़ेगी। वहीं राहुल भट्ट की आखिरी यात्रा में सम्मिलित होने पहुंचे भाजपा के प्रदेश अध्यक्ष रविंदर रैना तथा जम्मू कश्मीर के पूर्व उपमुख्यमंत्री कवींद्र गुप्ता को कश्मीरी पंडितों के विरोध का सामना करना पड़ा। कश्मीरी पंडितों ने दोनों का घेराव कर नारेबाजी की। आक्रोशित कश्मीरी पंडितों ने मोदी सरकार के खिलाफ नारेबाजी की।

 

 

 

वहीं शिवसेना के वरिष्ठ नेता तथा सांसद संजय राउत ने सरकार पर टिप्पणी करते हुए बोला कि हनुमान चालीसा का पाठ करने तथा लाउडस्पीकर हटाने से कश्मीरी पंडियों का हल नहीं निकलेगा। यदि इस दिक्कत को समाप्त करना है तो केंद्र सरकार को कड़े फैसले लेने होंगे। उन्होंने कहा कि आखिर कब तक पाकिस्तान की ओर उंगली उठाकर उसे अपराधी ठहराते रहेंगे। आखिर हम इस दिक्कत को समाप्त करने के लिए क्या कर रहे हैं? राहुल भट्ट की पत्नी मीनाक्षी ने बताया कि चडूरा में राहुल असुरक्षित महसूस कर रहे थे। वह 2 वर्षो से स्थानीय प्रशासन से हेडक्वाटर भेजने की अपील कर रहे थे। मीनाक्षी ने कहा कि जब कश्मीर में दो अध्यापकों का क़त्ल हुआ था, तब भी राहुल ने सुरक्षा की बात कहकर ट्रांसफर मांगा था, मगर उनका ट्रांसफर नहीं किया गया।

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