सरकार को चीन को रोकने के लिए लद्दाख में कीलें लगानी चाहिए : सांसद असदुद्दीन ओवैसी

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केंद्र के नए कृषि कानूनों के खिलाफ किसानों का आंदोलन अब भी जारी है। आज आंदोलन का 76वां दिन है। अब इसी बीच एआईएमआईएम के प्रमुख और हैदराबाद से सांसद असदुद्दीन ओवैसी ने अपना पक्ष रखा है। जी दरअसल उन्होंने दिल्ली के गाजीपुर, सिंघू और टिकरी बॉर्डर पर कीलें लगाने को लेकर मोदी सरकार को निशाने पर लिया है। हाल ही में उन्होंने एक बयान में कहा है कि, 'प्रदर्शनकारी किसानों को रोकने के लिए सड़कों को खोदने और कीलें लगाने के बदले सरकार को चीन को रोकने के लिए लद्दाख में कीलें लगानी चाहिए।'

उन्होंने हाल ही में PM नरेंद्र मोदी से अपनी एक अपील भी की है। उनका कहना है कि, 'वह किसानों की ‘मन की बात’ को सुनें।' यह सभी बातें असदुद्दीन ओवैसी ने एक रैली के दौरान कही। रैली में ही उन्होंने यह भी कहा, 'अगर आपने लद्दाख में कीलें लगाई होती तो चीनी सैनिक भारत में नहीं घुसे होते। आपने लद्दाख में कीलें नहीं लगाई, जहां भारतीय सेना के 18 जवान शहीद हो गए। अगर आपका सीना 56 इंच का होता तो आप चीन को सबक सीखा चुके होते।'
इसके अलावा उन्होंने यह तक कह दिया कि, 'मोदीजी ने एक बार भी चीन का नाम तक नहीं लिया। वह सभी लोगों का और सभी चीजों का नाम लेंगे लेकिन चीन का नहीं। तीन कृषि कानून भारत के संविधान के खिलाफ हैं, क्योंकि कृषि राज्य का विषय है। इसलिए ऐसे में केंद्र का राज्य के विषय में कानून बनाने का कोई अधिकार नहीं है।'

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