विक्रम लैंडर वापस अपने पैरों पर हो सकता है खड़ा, इसरो कर रहा लगातार प्रयास
देश Sep 09, 2019चांद की सतह पर विक्रम लैंडर के गिरने से इसरो अभी हताश नहीं हुआ है। ये बात अलग है कि विक्रम लैंडर अपने निर्धारित स्थान से लगभग 500 मीटर दूर चांद की सतह पर गिरा पड़ा है, किन्तु यदि उससे संपर्क स्थापित हो जाता है, तो वह वापस अपने पैरों पर खड़ा हो सकता है। इसरो के विश्वस्त सूत्रों के अनुसार, चंद्रयान-2 के विक्रम लैंडर में वह तकनीक है कि वह गिरने के बाद भी खड़ा हो सकता है, लेकिन उसके लिए आवश्यक यह है कि उसके कम्युनिकेशन सिस्टम से संपर्क हो जाए और उसे कमांड मिल सके।
विक्रम लैंडर में ऑनबोर्ड कम्प्यूटर है। यह स्वयं ही कई कार्य कर सकता है। विक्रम लैंडर के गिरने से वह एंटीना दब गया है जिसके माध्यम से कम्युनिकेशन सिस्टम को कमांड भेजा जा सकता था। अभी इसरो वैज्ञानिक यह कोशिश कर रहे हैं कि किसी तरह उस एंटीना के माध्यम से विक्रम लैंडर को वापस अपने पैरों पर खड़ा होने के लिए कमांड भेजा जा सके। अब आप सोच रहे होंगे कि गिरा हुआ विक्रम लैंडर खुद-ब-खुद अपने पैरों पर किस तरह खड़ा होगा। क्या कोई उसे वहां उठाएगा, आइए जानते हैं।
इसरो के सूत्रों ने बताया है कि विक्रम लैंडर के नीचे की ओर पांच थ्रस्टर्स लगे हुए हैं। जिसके माध्यम से इसे चांद की सतह पर सॉफ्ट लैंडिंग करनी थी। इसके अलावा, विक्रम लैंडर के चारों ओर भी थ्रस्टर्स लगे हैं, जो अंतरिक्ष में यात्रा के दौरान उसकी दिशा निर्धारित करने के लिए ऑन किए जाते थे। ये थ्रस्टर्स अब भी सुरक्षित हैं। लैंडर के जिस भाग में कम्युनिकेशन एंटीना दबा है, उसी भाग में भी थ्रस्टर्स लगे हुए हैं। यदि धरती पर स्थित ग्राउंड स्टेशन से भेजे गए कमांड को सीधे या ऑर्बिटर के माध्यम से दबे हुए एंटीना ने रिसीव कर लिया तो उसके थ्रस्टर्स को ऑन किया जा सकता है। थ्रस्टर्स ऑन होने के बाद विक्रम एक ओर से वापस उठकर अपने पैरों पर खड़ा हो सकता है और इसरो के सारे कार्य संपन्न हो सकते हैं।