सूरत दुष्कर्म मामला : सर्वोच्च न्यायालय ने ठुकराई आसाराम की अर्जी, नहीं मिल सकेगी जमानत

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सर्वोच्च न्यायालय ने सूरत दुष्कर्म मामले में आसाराम को एक बार फिर जमानत देने से मना कर दिया है। इसके साथ ही शीर्ष अदालत ने निचली अदालत से जल्द ट्रायल पूरा करने की बात भी कही है। वहीं, गुजरात सरकार ने सर्वोच्च न्यायालय में बताया है कि आसाराम के खिलाफ सूरत में चल रहे दुष्कर्म मामले में अभी 10 गवाहों के बयान दर्ज होना शेष है। शीर्ष अदालत ने निचली अदालत को कहा कि हाई कोर्ट की टिप्पणी से प्रभावित हुए बगैर मामले का निपटारा करे।

4 सालों से जेल में कैद आसाराम
उल्लेखनीय है कि आसाराम जोधपुर सेंट्रल जेल में बीते चार वर्ष से ज्यादा समय से जेल में कैद हैं। आसाराम को एक नाबालिग लड़की के साथ दुष्कर्म का दोषी ठहराया गया था। जिसके बाद जोधपुर की एक अदालत ने आसाराम के आश्रम में पांच वर्ष पूर्व एक किशोरी के साथ दुष्कर्म के मामले में दोषी पाये जाने के बाद उन्हें 25 अप्रैल को आजीवन कारावास की सजा सुनाई थी।

नाबालिग से दुष्कर्म करने का लगा था आरोप
आसाराम पर यूपी के शाहजहांपुर जिले की एक नाबालिग से दुष्कर्म करने का आरोप था, जिसमें वो दोषी करार दिए गए। यह लड़की मध्य प्रदेश के छिंदवाड़ा जिले में आसाराम के आश्रम में रहकर पढ़ाई कर रही थी। पीड़िता का आरोप है कि आसाराम ने जोधपुर के समीप मनई आश्रम में उसे बुलाया था और 15 अगस्त 2013 को उसके साथ रेप किया था। आसाराम से इन आरोपों से मना किया है।

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