चुनाव प्रचार में प्लास्टिक पर लगी बैन

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सर्वोच्च न्यायालय में गुरुवार को चुनाव प्रचार में प्लास्टिक के झंडे, बैनर सहित अन्य प्रचार सामग्री के उपयोग पर रोक की मांग वाली याचिका पर सुनवाई हुई। इस दौरान शीर्ष अदालत ने केंद्र से कहा कि उसे उम्मीद और यकीन है कि सरकार जल्द ही चुनाव प्रचार में प्लास्टिक सामग्री को प्रतिबंधित करने के लिए नियम और कानून लेकर संसद में आएगी।

सुप्रीम कोर्ट, नेशनल ग्रीन ट्रिब्यूनल के आदेश के खिलाफ डब्ल्यू एडविन विल्सन द्वारा दाखिल की गई याचिका पर सुनवाई कर रही है, जिसमें भारत के चुनाव आयोग और तमाम राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों के मुख्य निर्वाचन अधिकारियों को प्लास्टिक के उपयोग के खिलाफ सलाह के अनुपालन की निगरानी करने को कहा गया था। याचिका में कहा गया है कि चुनाव में प्लास्टिक की साम्रगी का उपयोग किए जाता है। बाद में इसे अपशिष्ट के रूप में छोड़ दिया जाता है, जो पर्यावरण के लिए बेहद नुकसानदेह और जनता के लिए हानिकारक है।


वहीं, केंद्र सरकार की तरफ से एडिशनल सॉलिसिटर जनरल ऐश्वर्या भाटी ने अदालत को बताया कि पर्यावरण और वन मंत्रालय ने मार्च 2021 में ही ड्राफ्ट नोटिफिकेशन तैयार की है। इसके अनुसार, 100 माइक्रॉन से कम वाले पीवीसी सहित सभी तरह के प्लास्टिक पर बैन लगाया जाएगा। भाटी ने बताया कि ये मसौदा सार्वजनिक भी किया गया। इसके बाद इसके संबंध में एडवायजरी भी जारी की गई है।

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