कैप्टन के विरोध में सिद्धू की ताजपोशी

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पंजाब सीएम अमरिंदर सिंह के कड़े विरोध के बाद भी नवजोत सिंह सिद्धू को प्रदेश कांग्रेस इकाई का अध्यक्ष नियुक्त कर सोनिया गांधी ने मुख्यमंत्रियों को खुद पर लगाम लगाने का संदेश दिया है। कांग्रेस के अंदरूनी सूत्रों ने बताया है कि अमरिंदर सिंह के साथ महीनों की बातचीत निरर्थक साबित हुई, इसलिए हाईकमान ने आखिरकार अपना फैसला लिया।

अंदरूनी सूत्रों का कहना है कि यह कार्रवाई कांग्रेस के राज्य क्षत्रपों के साथ ही मुख्यमंत्रियों के लिए एक संदेश है जो खुद को मुखर कर रहे हैं। कांग्रेस राजस्थान और छत्तीसगढ़ में भी पंजाब जैसे हालात का सामना कर रही है, जहां सचिन पायलट और टी.एस. सिंह देव की क्रमश: सीएम बनने की महत्वाकांक्षा है। पायलट ने गत वर्ष ही पार्टी में बगावत का झंडा बुलंद कर दिया था। दूसरी तरफ, सिंह देव सावधान रहे हैं। रिकॉर्ड के लिए, उनका कहना है कि 'सोनिया जी और राहुल गांधी जी निर्णय लेंगे।' वह हाल ही में एक व्यक्तिगत दौरे पर दिल्ली में थे, जिसके बाद छत्तीसगढ़ के सीएम भूपेश बघेल दिल्ली पहुंचे।


अपनी दिल्ली यात्रा के दौरान, बघेल ने कहा कि वह नेतृत्व के फैसले का पालन करेंगे और सिंह देव के साथ उसी विमान में रायपुर लौट गए। कांग्रेस हाईकमान आखिरकार 2019 की चुनावी शिकस्त के बाद और फिर कर्नाटक में गठबंधन सरकार के पतन और मध्य प्रदेश में अपनी सरकार के गिरने के बाद अपने आप को मुखर कर रहा है।

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