राष्ट्रीय राजधानी में कश्मीरी पंडितों ने मनाया बलिदान दिवस

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कश्मीरी पंडितों ने आज राष्ट्रीय राजधानी में बलिदान दिवस मनाया और मातृभूमि को फिर से पाने के लिए जंग जारी रखने का संकल्प लिया। कश्मीरी पंडित समुदाय विगत 29 वर्षों से इस दिवस को मना रहा है। कश्मीरी पंडितों द्वारा शनिवार को दिए गए एक बयान के मुताबिक, 1989-90 में इस्लामिक जिहादियों द्वारा कश्मीर की जनजातीय सफाई का आरंभ हुआ।

महिलाओं के साथ किया बलात्कार
उन्होंने बताया कि, हजारों लोग मारे गए, महिलाओं के साथ बलात्कार किया गया, संपत्तियों और मंदिरों को तोड़ दिया गया, अल्पसंख्यक कश्मीरी पंडित समुदाय को भगाने के लिए समाचार पत्रों में धमकियां प्रकाशित की गई। एक आयोजक, आशीष राजदान ने बताया कि विश्व भर में कश्मीरी पंडित प्रवासी इस दिन को प्रति वर्ष बलिदान दिवस के रूप में मनाते हैं।

50,000 से ज्यादा पंडितों ने गंवाई थी जान
उनके बयान में एक ही रात में 5 लाख से ज्यादा लोगों को उनके घरों से बाहर निकाल देने की याद दिलाई गई। इसमें कहा गया कि, जम्मू के प्रतिकूल मौसम, भुखमरी, सर्प दंश और पलायन से उपजे दुख व स्वास्थ्य संबंधी समस्याओं की वजह से 50,000 से ज्यादा पंडितों ने अपनी जान गंवा दी। कश्मीर में जिहादियों और आतंकवादियों से लड़ते हुए 5,000 से अधिक सुरक्षाकर्मियों को भी शहादत देनी पड़ी। इस आयोजन के दौरान कश्मीरी पंडितों ने शहीद सैनिकों को भी श्रद्धांजलि दी।

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