फ्लोर टेस्ट पर सियासी घमासान : नेता प्रतिपक्ष ने राज्यपाल को लिखा पत्र, विधानसभा का विशेष सत्र बुलाने की मांग

मध्यप्रदेश

मध्यप्रदेश :  लोकसभा चुनाव के एग्जिट पोल में एनडीए को बढ़त मिलने की संभावनाओं के बीच मध्यप्रदेश भाजपा राज्यपाल को पत्र लिखकर विधानसभा का विशेष सत्र बुलाने की मांग करेगी। नेता प्रतिपक्ष गोपाल भार्गव ने कहा कि यहां बहुत सारे मुद्दे हैं। कांग्रेस विधायक अपनी पार्टी से खुश नहीं हैं, वे पार्टी छोड़ेने के लिए तैयार हैं। इससे सरकार के पास बहुमत नहीं बचेगा।

कांग्रेस के पास नहीं बचा विश्वास
गोपाल भार्गव ने आज मीडिया से बातचीत में कहा है कि हर सर्वेक्षण में केंद्र में एनडीए सरकार तय लग रही है। नए परिप्रेक्ष्य में मध्यप्रदेश में भारतीय जनता पार्टी को 29 में से 26-27 सीटें आने की संभावना है। इससे साबित होता है कि कांग्रेस के पास विश्वास नहीं बचा। ये जनमत राज्य सरकार के खिलाफ आया है और इसलिए सरकार को जल्द विधानसभा का सत्र बुलवा कर सदन में विश्वास साबित करना चाहिए।

लोगों की राय कांग्रेस के खिलाफ
नेता प्रतिपक्ष ने कहा कि जब लोगों की राय कांग्रेस के खिलाफ है, तो नया सत्र बुलवा कर जल्द चर्चा कराना भाजपा का राजधर्म है। उन्होंने दावा किया कि नतीजे एग्जिट पोल से बहुत ज्यादा अलग नहीं आएंगे।

आनंदीबेन पटेल को पत्र लिखकर किया दावा
मध्‍य प्रदेश की भारतीय जनता पार्टी इकाई ने गवर्नर आनंदीबेन पटेल को पत्र लिखकर दावा किया है कि कमलनाथ की अगुवाई में प्रदेश की कांग्रेस सरकार अल्‍पमत में है। इसलिए विधानसभा का विशेष सत्र बुलाकर शक्ति परीक्षण करने की मांग उठाई गई है। इस बारे में नेता-प्रतिपक्ष और भाजपा नेता गोपाल भार्गव ने प्रेस वालों से कहा है कि, हम राज्‍यपाल को पत्र लिखकर विधानसभा सत्र बुलाने की मांग कर रहे हैं क्‍योंकि यहां कई महत्वपूर्ण मुद्दे हैं, मध्‍य प्रदेश की कमलनाथ सरकार अपने आप गिर जाएगी।

भाजपा की बंपर जीत का अनुमान
उन्होंने आगे कहा कि मुझे खरीद-फरोख्‍त में कोई विश्वास नहीं है, ले‍किन मुझे लगता है कि इसका वक़्त आ गया है और जल्‍दी ही मध्य प्रदेश की ये सरकार चली जाएगी। उल्लेखनीय है कि एग्जिट पोल अनुमानों के आने के एक दिन बाद ही भाजपा ने ये मांग की है। इन एग्जिट पोल में भाजपा की बंपर जीत का अनुमान जताया गया है।

कांग्रेस ने सत्‍ता में 15 वर्षों के बाद वापसी की है...
बता दें कि गत वर्ष मध्‍य प्रदेश में हुए विधानसभा चुनावों में कांग्रेस ने सत्‍ता में 15 वर्षों के बाद वापसी की थी। कांग्रेस के पास समाजवादी पार्टी और बहुजन समाज पार्टी के सहयोग से मामूली बहुमत प्राप्‍त है। ऐसे में कयास लग रहे हैं कि कांग्रेस के कुछ विधायक भाजपा को ज्वाइन कर सकते हैं, जिसके बाद राज्य में कांग्रेस की सरकार गिर सकती है।

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