भ्रामक विज्ञापन मामले में आयुष मंत्रालय ने की पतंजलि की आलोचना

देश

भ्रामक विज्ञापन मामले में सर्वोच्च न्यायालय के सख्त आदेश एवं टिप्पणियों के पश्चात् अब आयुष मंत्रालय ने एलोपैथिक दवाओं को लेकर पतंजलि के बयानों की आलोचना की है। अपने हलफनामे के जरिए केंद्र सरकार ने एकीकृत स्वास्थ्य देखभाल प्रणाली की पैरवी की है। उसमें इस बात पर जोर दिया गया है कि लोगों के पास आयुष या एलोपैथिक दवाओं का फायदा उठाने का भी विकल्प है। कोरोना काल में महामारी के चलते पतंजलि की दवा कोरोनिल को वायरस के उपचार के रूप में पेश करने के प्रति आगाह किया गया था। तथा कहा कि जब तक आयुष मंत्रालय इसकी विधिवत जांच रिपोर्ट नहीं दे देता तब तक इसको प्रचारित नहीं किया जाना चाहिए। 

तत्पश्चात, पतंजलि को मंत्रालय ने आवश्यक परीक्षण करने के लिए कहा था। वहीं, आयुष मंत्रालय ने चिकित्सा की विभिन्न प्रणालियों के बीच आपसी सम्मान के महत्व पर भी प्रकाश डाला है। मंत्रालय का कहना है कि भारत सरकार की मौजूदा नीति एलोपैथी के साथ आयुष प्रणालियों के एकीकरण के साथ एकीकृत स्वास्थ्य देखभाल प्रणाली के एक मॉडल की वकालत करती है। आयुष प्रणाली या एलोपैथिक चिकित्सा की सेवाओं का फायदा उठाना किसी व्यक्ति या स्वास्थ्य सेवा चाहने वाले की पसंद है।

कोरोनिल के सिलसिले में स्वास्थ्य मंत्रालय को विभिन्न अभ्यावेदन प्राप्त हुए, तत्पश्चात, पतंजलि को नोटिस जारी किया गया तथा कंपनी से अनुरोध किया गया था कि जब तक मंत्रालय द्वारा मामले की पूरी तरह से जांच नहीं कर ली जाती। तब तक वह COVID-19 के खिलाफ कोरोनिल की प्रभावकारिता के बारे में दावों का विज्ञापन न करे। सरकार अपने नागरिकों के समग्र स्वास्थ्य की बेहतरी के लिए हर स्वास्थ्य देखभाल प्रणाली की ताकत का इस्तेमाल करने के लिए प्रोत्साहित करती है। 

वहीं, आज सर्वोच्च न्यायालय में व्यक्तिगत रूप पेश होने से पहले पतंजलि के एमडी आचार्य बालकृष्ण एवं बाबा रामदेव ने हलफनामा दायर कर बिना शर्त माफी मांग ली है। माफीनामे में रामदेव एवं बालकृष्ण ने कहा है कि वे आदेश का पूरी तरह से पालन करेंगे तथा न्याय की गरिमा को बरकरार रखेंगे। पतंजलि ने भ्रामक विज्ञापन को लेकर विस्तृत जवाब दाखिल किया है। रामदेव और आचार्य बालकृष्ण बुधवार को सर्वोच्च न्यायालय में व्यक्तिगत रूप से पेश होंगे। दोनों को कारण बताओ नोटिस के सिलसिले में कोर्ट के सामने पेश होने के लिए कहा गया था। 

Back to Top