मप्र के कर्मियों का महंगाई भत्ता निरस्त, कमल नाथ ने उठाए सवाल

मध्यप्रदेश

मध्य प्रदेश के कर्मचारियों और अधिकारियों को मार्च माह के वेतन के साथ महंगाई भत्ता दिए जाने के फैसले को राज्य सरकार ने निरस्त कर दिया है। सरकार के इस फैसले पर पूर्व मुख्यमंत्री कमल नाथ ने सवाल उठाते हुए शिवराज सरकार को 'कर्मचारी विरोधी' करार दिया है। वित्त विभाग के उप सचिव अजय चौबे ने शुक्रवार को एक आदेश जारी कर बताया है कि एक जुलाई, 2019 से कर्मचारियों और अधिकारियों को प्रस्तावित महंगाई भत्ते में बढ़ोतरी का फैसला हुआ था, जिसका मार्च, 2020 के वेतन में भुगतान किया जाना था। महंगाई भत्ते में बढ़ोतरी संबंधी इस आदेश को निरस्त कर दिया गया है।

राज्य सरकार के इस फैसले पर पूर्व मुख्यमंत्री कमल नाथ ने इसे कर्मचारी विरोधी फैसला करार दिया है। उन्होंने कहा, "हमारी सरकार ने प्रदेश के लाखों कर्मचारियों की मांग पूरी करते हुए उनके हित में एक ऐतिहासिक फैसला लिया था। हमने शासकीय सेवकों व स्थायी कर्मियों के महंगाई भत्ते में 1 जुलाई 2019 से वृद्धि कर इसे छठे वेतनमान में 164 प्रतिशत व सातवें वेतनमान में 17 प्रतिशत महंगाई भत्ते की दर निर्धारित कर इसका नगद भुगतान मार्च, 2020 के वेतन से किए जाने का निर्णय लिया था।"

उन्होंने आगे कहा, "इस निर्णय का प्रदेश के लाखों कर्मचारियों ने स्वागत किया था। लेकिन शिवराज सरकार ने आते ही इस आदेश के क्रियान्वयन पर रोक लगाकर अपनी कर्मचारी विरोधी सोच को उजागर कर दिया है। मैं शिवराज सरकार से मांग करता हूं कि वो तत्काल इस रोक को हटाएं और कर्मचारियों के हित के हमारी सरकार द्वारा लिए गए फैसले को अविलंब लागू करें, अन्यथा कांग्रेस इस तानाशाहीपूर्ण निर्णय का पुरजोर विरोध करेगी।"

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