मध्यप्रदेश में धर्म स्वातंत्र्य अध्यादेश को मिली मंजूरी

मध्यप्रदेश

भोपाल- आज मध्य प्रदेश सरकार ने भी लव जिहाद कानून को पास कर दिया है। जी हाँ, आज मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान की अगुवाई में हुई कैबिनेट बैठक में धर्म स्वातंत्र्य अध्यादेश को मंजूरी मिल चुकी है। कहा जा रहा है अब इसे राज्यपाल आनंदी बेन पटेल के पास मंजूरी के लिए भेजा जा चुका है। जैसे ही वहां से मंजूरी मिलेगी वैसे ही यह कानून बन जाएगा।

आप सभी को बता दें कि पहले मध्य प्रदेश सरकार विधानसभा सत्र में धर्म स्वातंत्र्य बिल को पारित करने वाली थी, लेकिन कोरोना संक्रमण के कारण विधानसभा सत्र स्थगित हो गया। इस वजह से अब सरकार धर्म स्वातंत्र्य अध्यादेश लेकर आई है। कहा जा रहा है इस अध्यादेश को राज्यपाल से मंजूरी मिलने के बाद 6 महीने के अंदर विधानसभा से पारित कराना पड़ेगा। आपको हम यह भी बता दें कि धर्म स्वातंत्र्य अध्यादेश में 19 प्रावधान हैं।

 

क्या है अध्यादेश - इस अध्यादेश के अनुसार, मध्य प्रदेश में प्रलोभन, धमकी, प्रपीड़न, विवाह या किसी अन्य कपट पूर्ण साधन द्वारा धर्म परिवर्तन कराने वाले या फिर उसका प्रयास या षड्यंत्र करने वाले को, 5 वर्ष तक के कारावास के दंड और अर्थदंड 25,000 रुपए से कम नहीं होगा। इसके अलावा मध्य प्रदेश में अपराध यदि किसी नाबालिग या अनुसूचित जाति जनजाति की महिला/युवती के साथ किया जाता है तो इसके लिए 10 साल तक की सज़ा और 50,000 रुपए के अर्थदंड का प्रावधान है।

आपको हम यह भी बता दें कि मध्य प्रदेश में सामूहिक रूप से विधि विरुद्ध धर्म-परिवर्तन कराने वाले को भी 10 साल तक के कारावास और 1 लाख रुपए के अर्थदंड से कम नहीं होगा। यह भी कहा जा रहा है मध्य प्रदेश में विधि विरुद्ध धर्म परिवर्तन शून्य घोषित होगा। इसके अलावा धर्म परिवर्तन करवाकर किया गया विवाह भी शून्य माना जाएगा, लेकिन ऐसे विवाह के बाद पैदा हुई संतान वैध होगी और उसे अपने पिता की संपत्ति में अधिकार मिलेगा। इसी के साथ ही ऐसी संतान और उसकी मां विवाह शून्य घोषित होगी लेकिन फिर भी संतान पिता से भरण पोषण ले सकेंगे।

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