पाकिस्तान ने किया चीन के बर्ताव का समर्थन

विदेश

चीन के शिनजियांग में उइगर मुस्लिमों के साथ होते जुल्म की बात जब से सामने आई है, तभी से ये सवाल उठता रहा है कि आखिर फिलिस्तीन से लेकर कश्मीर तक के मुस्लिमों का हिमायती बनता फिर रहा पाकिस्तान इस पर कुछ प्रतिक्रिया क्यों नहीं देता। अब काफी समय के बाद इस मामले पर पाकिस्तान की तरफ से जवाब आया है, जिसमें पीएम इमरान खान ने उइगर मुस्लिमों पर किए जा रहे चीन के तमाम अत्याचारों पर आँख मूंदते हुए ‘चीन के झूठ को स्वीकार’ लिया है।

इमरान खान का कहना है कि उनकी सरकार उइगर मुस्लिम के साथ व्यवहार संबंधी आरोपों पर चीन के बयानों का समर्थन करती है। इमरान खान ने इस्लामाबाद के बीजिंग के साथ करीबी संबंधों का हवाला देते हुए यह बात कही है। इमरान का कहना है कि पश्चिमी मीडिया इस मुद्दे को बिल्कुल अलग तरह से उछाल रहा है। यह पाखंड है। विश्व के विभिन्न हिस्सों में मानवाधिकारों का जघन्य उल्लंघन हो रहा है, किन्तु पश्चिमी मीडिया इन पर टिप्पणी नहीं करता है। इसके साथ ही इमरान ने उइगर मुस्लिमों और हॉन्गकॉन्ग मुद्दे पर रिपोर्टिंग के लिए पश्चिमी मीडिया की आलोचना की है। बता दें कि कई मीडिया रिपोर्ट्स में यह बात सामने आई है कि, चीन ने डिटेंशन सेंटर में लगभग 10 लाख उइगर मुस्लिमों को कैद किया हुआ है। जहाँ उन्हें तरह-तरह से प्रताड़ित किया जाता है। साथ ही उन्हें उनके मजहब का अनुसरण करने से भी रोका जाता है और महिलाओं का दुष्कर्म, गर्भपात वहाँ आम बात है।


इसके साथ ही चीन की तारीफ में कसीदे गढ़ने में भी कोई कसर नहीं छोड़ी। इमरान ने कहा कि पाकिस्तान जब कभी सियासी या अंतरराष्ट्रीय स्तर पर मुसीबत में आया तो चीन ने उसका साथ दिया है। पाकिस्तान और चीन के बीच रिश्ते का भारत से कोई वास्ता नहीं है। दोनों मुल्‍कों के बीच रिश्‍ते द्विपक्षीय और बेहद सशक्त हैं। बता दें कि चीन में सत्ताधारी कम्युनिस्ट पार्टी के 100 वर्ष पूरे होने के अवसर पर चीन के पत्रकारों से बात करते हुए खान ने अपनी राय दी है।

 

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