जन औषधि परियोजना के कारण पहले की तुलना में अब इलाज पर खर्च कम : मोदी

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प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने शनिवार को जन औषधि दिवस के मौके पर सस्ती दवाओं का लाभ पा रहे लाभार्थियों से वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिए बात की। एक से सात मार्च के बीच आयोजित हुए जन औषधि सप्ताह के आखिरी दिन, इस कार्यक्रम के लिए भाजपा ने कई स्थानों पर लाभार्थियों को एकत्रित करके उनकी प्रधानमंत्री से बात कराई। राष्ट्रीय अध्यक्ष जेपी नड्डा, कृष्णा नगर में तो दिल्ली प्रदेश अध्यक्ष मनोज तिवारी, दिलशाद गार्डन स्थित जन औषधि केंद्र पर लाभार्थियों के साथ मौजूद रहे। इसी तरह शास्त्री भवन, न्यू अशोक नगर, राम मनोहर लोहिया हॉस्पिटल, सुभाष नगर, हरिनगर, पटेल नगर स्थित जनऔषधि केंद्रों पर भी वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग की व्यवस्था रही।

इस दौरान प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा कि जन औषधि परियोजना के कारण पहले की तुलना में अब इलाज पर खर्च काफी कम हो रहा है।

अब तक पूरे देश में करोड़ों लोगों को 2000 से 2500 करोड़ रुपए की बचत सिर्फ जन औषधि केंद्रों के कारण हुई है।

प्रधानमंत्री मोदी ने बताया, "आज हर महीने एक करोड़ से अधिक परिवार इन जन औषधि केंद्रों के माध्यम से बहुत सस्ती दवाइयां ले रहे हैं। जैसे-जैसे ये नेटवर्क बढ़ रहा है, वैसे-वैसे इसका लाभ भी अधिक से अधिक लोगों तक पहुंच रहा है।"

प्रधानमंत्री मोदी ने जन औषधि केंद्रों में दवाओं के दाम नियंत्रित करने से लोगों को पहुंच रहे फायदे की भी जानकारी दी।

उन्होंने कहा, "आज 1,000 से ज्यादा जरूरी दवाओं की कीमत नियंत्रित होने से जनता के करीब साढ़े 12 हजार करोड़ बचे हैं। करीब 90 लाख गरीब लोगों को आयुष्मान योजना के तहत लाभ मिला है।"

उन्होंने कहा, "प्रधानमंत्री भारतीय जन औषधि परियोजना यानि पीएम-बीजेपी का देश के हर व्यक्ति तक सस्ता और उत्तम इलाज पहुंचाने का संकल्प है। मुझे बहुत संतोष है कि अब तक छह हजार से अधिक जन औषधि केंद्र पूरे देश में खुल चुके हैं।"

बता दें कि केंद्र सरकार की ओर से शुरू भारतीय जन औषधि परियोजना के तहत देश में 6,200 जन औषधि केंद्र खुले हैं। जहां नौ सौ प्रकार की दवाएं और 154 सर्जिकल उपकरण बाजार रेट से काफी सस्ते दर पर उपलब्ध हैं। दावा है कि सात सौ जिलों में खुले इन औषधि केंद्रों के जरिए जनता को 50 से 90 प्रतिशत तक की बचत हो रही है।

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