मध्यप्रदेश में आम जिंदगी धीरे-धीरे पटरी पर लौटी

मध्यप्रदेश

मध्यप्रदेश में आम जिंदगी धीरे-धीरे पटरी पर लौट चली है। अनलॉक के पहले चरण ने लोगों को राहत दिलाई है, मगर सरकार को संक्रमण का खतरा और बढ़ने की आशंका ने चिंता में डाल दिया है। राज्य में मरीजों की संख्या के मुकाबले स्वस्थ होने का आंकड़ा राहत दे रहा है, मगर इस बात की आशंका बनी हुई है कि कहीं संक्रमण विकराल रूप धारण न कर ले। मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान का कहना है कि लॉकडाउन खुल जाने के कारण नए कोरोना संक्रमित मरीज आ रहे हैं, थोड़ी सी भी असावधानी संक्रमण बढ़ा सकती है।

मुख्यमंत्री ने संक्रमण और फैलने की आशंका के मद्देनजर सभी जिलाधिकारियों से कहा है कि वे अपने-अपने जिलों में पूरी सावधानी एवं सतर्कता के साथ रणनीति पर कार्य करें।

मुख्यमंत्री चौहान ने कहा है कि प्रदेश में कोरोना संक्रमण रोकने एवं मृत्युदर न्यूनतम करने के लिए आईआईटीटी (आइडेंटिफाइ, आइसोलेट, टेस्ट एंड ट्रीटमेंट) रणनीति का प्रभावी क्रियान्वयन जारी रहे।

राजधानी में कोरोना संक्रमण के मरीजों की संख्या में अचानक बढ़ोतरी हो रही है। इसके चलते राजधानी में बाजार खेालने की व्यवस्था में बदलाव करना पड़ा है। अब राजधानी में सप्ताह में सिर्फ पांच दिन ही बाजार खुलेंगे। दो दिन शनिवार और रविवार को सभी बाजार बंद रखे जाएंगे।

स्वास्थ्य विभाग के अतिरिक्त मुख्य सचिव मोहम्मद सुलेमान ने बताया कि मध्यप्रदेश की कोरोना पॉजिटिविटी रेट 4.42 (चार दशमलव चार दो) प्रतिशत है, जबकि पूरे देश की 5.51 (पांच दशमलव पांच एक) प्रतिशत है। हमारी रिकवरी रेट 68.8 प्रतिशत है, जबकि पूरे देश की 49.1 प्रतिशत है। प्रदेश के 22 जिलों में 10 से कम कोरोना के मरीज है तथा चार जिले अलीराजपुर, होशंगाबाद, सिवनी और सीहोर कोरोना मुक्त है। प्रदेश की टेस्टिंग क्षमता प्रतिदिन छह हजार से अधिक है।

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