बिहार में शराब तस्करों पर बड़ी कार्रवाई

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बिहार सरकार निरंतर शराबबंदी कानून को प्रभावी बनाने का प्रयास कर रही है। सरकार निरंतर शराब तस्करों एवं शराब पीने वालों पर इसी कारण सख्त कार्रवाई कर रही है। वहीं अब सर्वोच्च न्यायालय ने बिहार सरकार के शराबबंदी कानून के कारणों से बढ़ने वाले मुकदमों को लेकर कड़ी नाराजगी जताई है। 

 

वही बिहार के शराब तस्करी से संबंधित मामलों की सुनवाई करते हुए चीफ जस्टिस CJI एनवी रमना की अध्यक्षता वाली पीठ ने बिहार सरकार को जमकर फटकार लगाते हुए कहा कि इन मामलों ने अदालतों का दम घोंट रखा है। पटना उच्च न्यायालय के 14-15 जज केवल इन्हीं मामलों की सुनवाई कर रहे हैं। इस कारण और वो किसी मामले पर सुनवाई नहीं कर पा रहे हैं। उच्च न्यायालय में मामले को सूचीबद्ध करने में एक वर्ष का वक़्त लग रहा है। इसके अतिरिक्त सर्वोच्च न्यायालय ने बिहार सरकार के 40 अपील को एक साथ खारिज कर दिया।

 

 

 

आपको बता दें कि बिहार सरकार सर्वोच्च न्यायालय में उन लोगों की जमानत खारिज कराने गई थी, जिन्हें पुलिस ने शराब के मामलों में अरेस्ट किया था। मगर पटना उच्च न्यायालय ने उन्हें जमानत दे दी थी। इस घटना को लेकर बिहार सरकार की ओर से वकील मनीष कुमार ने कहा कि उच्च न्यायालय ने कानून के गंभीर उल्लंघन में सम्मिलित अपराधियों को बिना वजह बताए जमानत दे दी है, जबकि कानून में इन गंभीर अपराधों के लिए 10 वर्ष की जेल से लेकर आजीवन जेल की सजा का प्रावधान दिया गया है।

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