बीरभूम जिले में 8 लोगों को जिंदा जला डालने का मामला, ममता सरकार चौतरफा घिरी

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पश्चिम बंगाल के बीरभूम जिले में 8 लोगों को जिंदा जला डालने के मामले में ममता सरकार को चौतरफा आलोचना का सामना करना पड़ रहा है। इसको देखते हुए सीएम ममता बनर्जी ने राज्य पुलिस को 10 दिनों के भीतर पूरे राज्य से अपराधियों की धरपकड़ कर हथियार बरामद करने का आदेश दे दिया है। शुक्रवार (25 मार्च 2022) को बीरभूम हिंसा मामले में पुलिस ने 200 से ज्यादा बम बरामद किए।

 

मीडिया रिपोर्ट के अनुसार, पुलिस ने गुरुवार को भी पश्चिम बर्दवान जिले के सालानपुर में एक हथियार बनाने वाली फैक्ट्री का भंडाफोड़ कर बड़े पैमाने पर हथियार बरामद किए थे। पुलिस ने बताया कि जिले के माड़ग्राम थाना इलाके के छोटन डंगाल के पास झाड़ियों में छिपाकर रखे गए बम नष्ट कर दिए गए हैं। हालाँकि, अभी तक किसी को गिरफ्तार किए जाने की जानकारी नहीं मिली है। वहीं गाँव में बम मिलने से लोगों में दहशत फ़ैल गई है। उधर, संसद के बजट सत्र के दूसरे चरण में आज राज्यसभा में बीरभूम हिंसा पर जमकर हंगामा मचा।

 

 

 

इस दौरान भाजपा सांसद रूपा गांगुली बीरभूम का मुद्दा उठाते हुए भावुक होकर रोने लगीं। रूपा गांगुली ने ममता सरकार पर निशाना साधते हुए कहा कि, 'इस बार केवल 8 लोग मरे हैं। अधिक नहीं मरे सर, ज्यादा मरने से फर्क नहीं पड़ता। बात यह है कि जला के मारा जाता है। बात यह है कि अवैध बंदूकें रखी जाती हैं। बात यह है कि पुलिस पर विश्वास नहीं है। बात यह है कि अनीस खान मरता है, तो केवल CBI जांच की माँग की जाती है। उन्होंने कहा कि 7 दिन में 26 राजनितिक हत्याएं हुईं हैं। पोस्टमार्टम रिपोर्ट में कहा गया है कि पहले उनके हाथ पैर तोड़े और बंद कमरे में मारकर जला दिया गया।' इसके साथ ही रूपा गांगुली ने बंगाल में राष्ट्रपति शासन लागू करने की मांग की। 

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