फांसी की सजा पाने वाली देश की पहली महिला के केस में आया ट्विस्ट

उत्तर प्रदेश


फांसी की सजा पाने वाली देश की पहली महिला बनने जा रही अमरोहा की शबनम के मामले में नया ट्विस्ट आया है। शबनम के मामले में अब गवर्नर आनंदीबेन पटेल ने हस्तक्षेप किया है। शबनम को मिली फांसी की सजा, उम्र कैद में तब्दील हो सकती है। सजा बदलने की मांग वाली अर्जी पर गवर्नर आनंदीबेन पटेल ने ये मामला यूपी सरकार को सौंप दिया है।

राज्यपाल आनंदी बेन पटेल के निर्देश पर उनके विशेष सचिव बद्री नाथ सिंह ने ये केस यूपी के कारागार विभाग के प्रमुख सचिव के हवाले कर दिया है। उन्होंने ये निर्देश दिए हैं कि इस मामले में नियमों के अनुसार, उचित फैसला लिया जाए. दरअसल, इलाहाबाद उच्च न्यायालय की महिला वकील सहर नकवी ने राज्यपाल आनंदी बेन पटेल के सामने ये अर्जी लगाई थी जिस पर राज्यपाल सचिवालय ने ये मामला कारागार विभाग के प्रमुख को सौंपा है।

सहर नकवी ने राज्यपाल को अर्जी भेजकर शबनम की फांसी की सजा को आजीवन कारावास में बदलने के लिए मांग की थी। सहर नकवी ने महिला होने के नाते फांसी की सजा बदलने की मांग की थी इस अर्जी में कहा गया था कि देश में आज तक किसी भी महिला को फांसी पर नहीं लटकाया गया है। अर्जी में ये दलील दी गई थी कि शबनम को फांसी दिए जाने से विश्व में देश की छवि धूमिल होगी। शबनम के अपराध में सजा का तरीका बदला जा सकता है। बता दें कि 2008 में अपने प्रेमी सलीम से शादी करने के लिए शबनम ने अपने ही परिवार के सात लोगों का कत्ल कर दिया था।

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