एक बार फिर दोहराया जाएगा रानी रूपमती का संकल्प

मध्यप्रदेश

मध्य प्रदेश में परमार वंश के गौरवशाली इतिहास की विरासत में रानी रूपमती (Queen Roopmati) का संकल्प एक बार फिर दोहराया जाएगा. बताया जाता है कि रानी रूपमती यहां स्थित अपने किले से जब तक माँ नर्मदा (Narmada River) के दर्शन नहीं कर लेतीं थीं, तब तक वे अन्न-जल ग्रहण नहीं करती थीं. राज्य सरकार के वन विभाग ने अब मौजूदा समय में इसे साकार करने के लिए रूपमती महल से नर्मदा दर्शन के लिए यहां हाईटेक दूरबीन (High tech telescope) लगाने का निर्णय लिया है, जिससे कि देश और दुनिया से आने वाले प्रर्यटक रानी रूपमती के किले से माँ नर्मदा का दर्शनलाभ ले सकें.

दरअसल, लगभग 2000 वर्षों से परमार, सुल्तान और पवार रियासत काल की धरोहर रहा मांडव, अभी सिटी ऑफ जॉय (City of Joy) के नाम से पहचाना जाता है. यहां मौजूद रानी रूपमती और बाज बहादुर के प्रेम प्रसंग के साथी रानी रूपमती का वह संकल्प भी खासा प्रचलित है, जिसमें कहा जाता है कि रानी रूपमती तब तक अन्न-जल ग्रहण नहीं करती थीं, जब तक वे सुबह स्नान के बाद यहां से किसी दौर में स्पष्ट नज़र आने वाली माँ नर्मदा के दर्शन नहीं कर लेतीं थीं.

यही कारण था कि यहां रानी रूपमती ने नर्मदा दर्शन के लिहाज से महल का निर्माण करवाया था, जो आज भी उनके संकल्प की धरोहर है. हाल ही में राज्य सरकार और पुरातत्व विभाग द्वारा यहां देखरेख की नए सिरे से तैयारी की गई है. इसके साथ ही अब वन विभाग ने यहां एक ऐसा हाईटेक दूरबीन लगाने का निर्णय लिया है, जिसके माध्यम से रानी रूपमती महल से माँ नर्मदा के दर्शन हो सकेंगे. वन मंत्री विजय शाह ने आज इस संबंध में जानकारी है.

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