पाकिस्तान ने राहुल गांधी समेत 7 विपक्षी सांसदों को तोहफे में भेजे आम, मैंगो डिप्लोमेसी पर मचा बवाल...

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एक तरफ बांग्लादेश हिंसा की आग में जल रहा है, तो वहीं दूसरी ओर पाकिस्तान मैंगो डिप्लोमेसी के रास्ते भारत के विपक्षी सांसदों से संपर्क साधने में लगा हुआ है। हालाँकि, पाकिस्तान चाहता तो यही था कि INDIA गठबंधन सत्ता में आए, इसके लिए उसके कई नेताओं ने खुलकर बयान भी दिए थे। पाकिस्तान के पूर्व मंत्री फवाद चौधरी ने खुलकर विपक्ष के संभावित प्रधानमंत्री उम्मीदवार राहुल गांधी का समर्थन भी किया था। इसके अलावा कुछ ऐसी भी खबरें थीं कि पाकिस्तान से फर्जी सोशल मीडिया हैंडल्स, भारतीय चुनाव में विपक्ष के हित में माहौल बनाने और लोगों को भड़काने के लिए इस्तेमाल किए गए थे। 

हालाँकि, चुनावी नतीजे तो पाकिस्तान के पक्ष में नहीं आए, लेकिन विपक्ष का प्रदर्शन पिछले चुनावों की तुलना में काफी बेहतर रहा और सदन में उसकी संख्या अच्छी खासी हो गई। ऐसे में भारत से अलग होकर इस्लामी मुल्क बना पाकिस्तान, विपक्षी सांसदों को साधने की कोशिश कर रहा है। उसने लोकसभा में नेता विपक्ष राहुल गांधी समेत 7 अन्य सांसदों को आम भेजे हैं। एक रिपोर्ट के अनुसार, दिल्ली स्थित पाकिस्तान उच्चायुक्त ने विपक्ष के नेता राहुल गांधी समेत 7 भारतीय सांसदों को आम के कार्टन भेजे हैं। राहुल के अलावा इन लोगों में पूर्व कांग्रेस नेता और वकील कपिल सिब्बल, कांग्रेस सांसद शशि थरूर, समाजवादी पार्टी (सपा) सांसद मोहिब्बुल्लाह नदवी, सपा के ही जिया उर रहमान बर्क, अफजाल अंसारी और इकरा हसन को आम भेजे हैं। दरअसल, गौर से देखने पर आप इनमे कुछ समानताएं भी पाएंगे। जैसे पाकिस्तान भी 370 हटने का विरोध करता है और भारत का विपक्ष भी, कपिल सिब्बल ने तो इसके लिए सुप्रीम कोर्ट में केस तक लड़ा था। कांग्रेस नेता दिग्विजय सिंह एक बयान में कह चुके हैं कि यदि उनकी (कांग्रेस की) सरकार बनी, तो 370 वापस लागू किया जाएगा। 

पाकिस्तान अग्निवीर योजना के विरोध में है, वो इसे इजराइल से जोड़कर देखता है। दरअसल, इजराइल में हर नागरिक के लिए कुछ सालों की सैन्य सेवा अनिवार्य है, जिससे दंगों-युद्ध आदि में 1 करोड़ की आबादी होने के बावजूद यहूदी भारी पड़ते हैं। भारत में भी विपक्ष अग्निवीर योजना का भरपूर विरोध करते हैं, राहुल गांधी कई बार इसे समाप्त करने की बात कह चुके हैं। इसके अलावा भारत में मुस्लिमों पर जुल्म हो रहा है, ये आरोप पाकिस्तान का भी है और भारत के विपक्ष का भी। ऐसे में पाकिस्तान ने अब एक तरह से विपक्षी सांसदों की तरफ दोस्ती का हाथ बढ़ाया है, ताकि वो अपने प्रति सॉफ्ट कार्नर का इस्तेमाल कर सके। कुछ समय पहले कांग्रेस के वरिष्ठ नेता मणिशंकर अय्यर भी कह चुके हैं कि, ''भारत को अपनी सैन्य शक्ति नहीं बढ़ानी चाहिए, इससे पाकिस्तान नाराज़ होकर परमाणु हमला कर सकता है। भारत को उसकी इज्जत करनी चाहिए।'' अय्यर तो अपने पाकिस्तान दौरे पर उनसे मोदी सरकार को हटाने के लिए मदद भी मांग चुके हैं। 26/11 के हमलों का मास्‍टरमाइंड और आतंकी संगठन जमात उद दावा प्रमुख हाफिज सईद भी कांग्रेस और भारतीय पत्रकार बरखा दत्त की तारीफ कर चूका है। शायद, इन्ही सब चीज़ों के चलते पाकिस्तान ने अब ये चाल चली है।  

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