विदेशों में द केरला स्टोरी की हो रही जमकर सराहना

बाॅलीवुड़, विदेश

नई दिल्ली: आतंकी संगठन इस्लामिक स्टेट (ISIS) की नापाक साजिशों पर आधारित फिल्म ‘द केरल स्टोरी’ (The Kerala Story) के रिलीज होने के बाद भारत में भले ही कट्टरपंथी गिरोह और कुछ राजनेता इसे प्रोपेगेंडा बताकर खारिज करने का प्रयास कर रहे हैं। वहीं, विदेशों में यह फिल्म जमकर सराही जा रही है। इस फिल्म को देखने के बाद लंदन की पत्रकार ने फिल्म की प्रशंसा की है। साथ ही उन्होंने इसे प्रोपेगेंडा बताने वालों को भी जमकर खरी-खरी सुनाई है।

नाओमी कैंटन नामक पत्रकार ने ट्वीट करते हुए लिखा है कि, 'UK सिनेमा में अभी द केरल स्टोरी फिल्म देखी। ये एक बेहतरीन फिल्म हैं, जो बताती है कि आखिर एक महिला के साथ क्या होता है, जब वो ISIS आतंकी से विवाह करती है। मैंने ऐसी फिल्म पहले नहीं देखी। इस फिल्म को प्रोपेगेंडा कहना बिलकुल गलत है, यदि कोई कहता है तो ये खुद एक प्रोपेगेंडा है। ISIS आतंकी से निकाह करने वाली मुस्लिम-गैर मुस्लिम हो सकती है। सबका एक ही हश्र होता है। जन्नत के सपने दिखाकर उन्हें सीरिया ले जाय जाता हैं। वहाँ दुष्कर्म होता है। आजादी छिनती है और पासपोर्ट ले लिया जाता है। वह ऐसा फँसती हैं कि उन्हें पछतावा होने लगता है (बशर्ते वह शमीमा बेगम जितनी कट्टरपंथी न हों और ISIS में खुद न भर्ती होना चाहें।)'

पत्रकार ने आगे लिखा कि, 'फिल्म यह दिखाती हैं कि किस तरह ISIS सबके लिए खतरा है। इसमें दिखाया है कि ये लोग, कैसे हिंदू और ईसाई लड़कियों को फँसाकर कट्टरपंथी बनाते हैं। ये सब चीज वो लोग कैसे करते हैं ये जानना आवश्यक है। ये फिल्म है कोई डॉक्यूमेंट्री नहीं। केरल में 3 लड़कियों के साथ घटित घटना पर फिल्म आधारित है। फिल्म ये दावा नहीं करती कि ये उन लड़कियों की सटीक कहानी है। उम्मीद है कि कुछ पत्रकार केरल में इन लड़कियों के परिजनों से मिलकर इंटरव्यू लिए होंगे। ये भी उम्मीद है कि महिलाओं को कट्टरपंथी बनाने वाले लोगों को अरेस्ट करने की कोशिश पुलिस कर रही होगी। इनमें से एक तो केरल में ही रहकर अपना पिज्जा पार्लर चला रहा है।

कैंटन आगे कहती हैं कि, 'मुझे नहीं पता यदि एक महिला भी भारत से ISIS में गई। मगर, यदि एक भी गई है तो ये चौंकाने वाला है। फिल्म की अच्छाई है कि ये फिल्म बताती है कि जब कोई भारत से ISIS या आतंकी संगठन में जाता है तो क्या होता है। इस फिल्म में प्रोपेगेंडा नहीं हैं। सिर्फ ये दिखाया गया है कि ISIS किस तरह लोगों को कट्टरपंथी बनाता है। ये अच्छा है कि फिल्म को ब्रिटेन में रिलीज किया गया। इसे 18 रेटिंग देकर भी सही हुआ क्योंकि इसमें बहुत हिंसा है।' बता दें कि लंदन पत्रकार नाओमी कैंटन इस वक़्त टाइम्स ऑफ इंडिया के लिए लंदन बीट कवर करती हैं। वह पहले भारत में भी रह चुकी हैं और हिंदुस्तान टाइम्स के लिए काम कर चुकी हैं। उन्होंने द केरल स्टोरी देखने के बाद ‘खोरासन फाइल्स’ नाम से एक यूट्यूब वीडियो भी साझा किया है।

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