सोना खरीदने से पहले जान लें इनकम टैक्स से जुड़े ये अहम नियम

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इनकम टैक्स डेपार्टमेंट ने 2020-21 के लिए ITR दाखिल करने की आखिरी तारीख बढ़ाकर 31 दिसंबर, 2021 तय की है। रिटर्न भरते वक़्त आपको अपनी कमाई से लेकर निवेश तक सारी सूचनाएं देना अनिवार्य होगा। अगर सोने में इन्वेस्ट किया है, तो उसका खुलासा भी ITR भरते वक़्त करना होता है। कुछ लोगों का कहना है कि करदाता को गोल्ड में निवेश के तरीके के आधार पर टैक्स का भुगतान करना होता है। गोल्ड बॉन्ड के द्वारा सोने में निवेश करने वालों के लिए फिजिकल सोना खरीदने वालों की तुलना में अलग टैक्स देनदारी की जाएगी। अगर आप रिटर्न भरने जा रहे हैं तो 2020-21 के लिए दिसंबर अंत तक अपनी गोल्ड की होल्डिंग को दर्ज करना न भूलें।

फिजिकल गोल्ड...कैपिटल गेन के हिसाब से टैक्स: हम बता दें कि फिजिकल गोल्ड में इन्वेस्ट करने के 36 माह के अंदर उसे बेचने पर स्लैब के हिसाब से शॉर्ट टर्म कैपिटल गेन टैक्स लग जाता है। सोने की बिक्री से मिलने वाला रिटर्न निवेशक की सालाना कमाई में जोड़ा जाता है। इतना ही नहीं 3 वर्ष के उपरांत गोल्ड बेचा जाता है, तो इसे लॉन्ग टर्म कैपिटल गेन कहा जाएगा। इसमें टैक्स बिक्री से होने वाली आय के आधार पर ही तय किया जाएगा। इस पर कुल मूल्यांकन का 20 प्रतिशत टैक्स देना होगा। इसके अतिरिक्त टैक्स की राशि का 4 प्रतिशत सेस भी लगता है।


डिजिटल गोल्ड...देना होगा 20 फीसदी कर: डिजिटल गोल्ड में इन्वेस्ट का नया तरीका है, जो कि इन दिनों लोगों को बहुत ही पसंद आ रहा है। जिसमे इन्वेस्ट अलग-अलग वॉलेट और बैंक एप के द्वारा संभव है। न्यूनतम 1 रुपये से डिजिटल गोल्ड में इन्वेस्ट कर सकते हैं। जिसमे लॉन्ग टर्म कैपिटल गेन पर 4 प्रतिशत सेस और सरचार्ज के साथ रिटर्न पर 20 प्रतिशत टैक्स लगता है। डिजिटल गोल्ड को 36 महीने से कम वक़्त के लिए रखने पर रिटर्न पर सीधे टैक्स नहीं लगाया जाता है।

गोल्ड ईटीएफ...टैक्स के साथ सेस भी देना होगा: गोल्ड म्यूचुअल फंड और गोल्ड एक्सचेंज ट्रेडेड फंड (ITF) के द्वारा भी सोने में इन्वेस्ट किया जा सकता है। इसमें सोना वर्चुअल फॉर्म में होता है न कि फिजिकल रूप में। दोनों पर फिजिकल गोल्ड के समान कर लगाया जाता है। गोल्ड म्यूचुअल फंड या ITF के द्वारा सोने में निवेश करने पर लॉन्ग टर्म कैपिटल गेन के लिए 20 प्रतिहस्त टैक्स के साथ 4 प्रतिशत सेस लगता है।

सॉवरेन गोल्ड बॉन्ड...स्लैब के अनुसार चुकाना होगा कर:
सॉवरेन गोल्ड बॉन्ड (एसजीबी) पर निवेशकों को वार्षिक 2.5 प्रतिशत ब्याज मिलता है, जिस पर स्लैब के मुताबिक टैक्स देना पड़ता है। एसजीबी में निवेश के 8 वर्ष के उपरांत इन्वेस्ट का रिटर्न पूरी तरह से टैक्स फ्री हो जाता है। 5 साल के उपरांत और मैच्योरिटी तक पहुंचने से पहले किसी भी समय होल्डिंग बेच दी जाती है, तो 20 प्रतिशत लॉन्ग टर्म कैपिटल गेन टैक्स व 4 प्रतिशत सेस भी लगता है।

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