विधानसभा चुनाव बीजेपी के लिए "बड़ी परीक्षा"

संपादकीय

लोकसभा चुनाव के बाद महाराष्ट्र और हरियाणा में होने वाला विधानसभा चुनाव सत्ताधारी बीजेपी के लिए बड़ी परीक्षा है। महाराष्ट्र सियासी तौर पर अहम सूबा है। इसलिए बीजेपी यहां पर कसर नहीं छोड़ रही है। बीजेपी ने यहां कांग्रेस और एनसीपी के दिग्गजों को उनके घर में ही घेरने का प्लान बनाया है। नों विपक्षी पार्टियां खस्ता हाल हैं, ऐसे में भाजपा ने इनके सीनियर लीडरों की सीटों को चिह्नित किया है, जिन्हें हर हाल में जीतना चाहती है।

बीजेपी सूत्रों के मुताबिक, पार्टी ने कांग्रेस के पूर्व मुख्यमंत्री अशोक चव्हाण (भोकर), पूर्व मुख्यमंत्री पृथ्वीराज चव्हाण (कराड दक्षिण) और कांग्रेस के पूर्व केंद्रीय मंत्री सुशील शिंदे के बेटी प्रणीति (सोलापुर मध्य) समेत एनसीपी का गढ़ कहलाने वाली बारामती में पूरी ताकत लगा रखी है। हालांकि भाजपा की नजर गन्ना पट्टी के संगमनेर और लातूर की शहरी तथा ग्रामीण सीटों पर भी है, लेकिन इन तीनों जगहों पर कांग्रेस के नेता बेहद मजबूत हैं। यहां सेंध लगा पाना भाजपा के लिए बेहद मुश्किल है। गमनेर में कांग्रेस के राज्य अध्यक्ष बालासाहेब थोरात हैं और यह उनके परिवार की परंपरागत सीट है। चुनाव के रिकॉर्ड भी बताते हैं कि यहां कांग्रेस के अलावा कभी कोई पार्टी नहीं जीती।

बालासाहेब थोरात 2009 और 2014 में यहां से जीते। इसी तरह लातूर में भी देशमुख बंधु अमित और धीरज की जीत पक्की मानी जा रही है। पूर्व सीएम विलासराव देशमुख के बड़े बेटे अमित लातूर शहर से और धीरज लातूर ग्रामीण से मैदान में हैं। इसलिए भाजपा ने अशोक चव्हाण, पृथ्वीराज चव्हाण समेत सुशील कुमार शिंदे की बेटी की सीट पर नजरें जमा ली हैं। भाजपा की रणनीति के मुताबिक तीनों वरिष्ठ नेता अपनी सीटों में उलझे हैं। बारामती सीट पर भी भाजपा पूरी ताकत लगा रही है। उसके नेताओं का मानना है कि जैसे लोकसभा चुनावों में अमेठी में राहुल को हरा कर कांग्रेस का किला ध्वस्त किया था तो बारामती में भी पवार परिवार को पराजय का स्वाद चखाया जा सकता है। यहां पार्टी अध्यक्ष शरद पवार के भतीजे अजित पवार मैदान में हैं।

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