चक्रवाती तूफान अम्फान से पश्चिम बंगाल और ओडिशा के तटीय जिलों में व्यापक नुकसान की आशंका

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भारतीय मौसम विभाग (आईएमडी) के महानिदेशक मृत्युंजय महापात्रा ने सोमवार को यहां बताया कि बंगाल की खाड़ी में बने ताकतवर चक्रवाती तूफान अम्फान से पश्चिम बंगाल और ओडिशा के तटीय जिलों में व्यापक नुकसान हो सकता है।

महापात्रा ने कहा, अम्फान ओडिशा में 1999 में तूफान के बाद दूसरा सुपर साइक्लोन (चक्रवाती तूफान) है। वह ऐतिहासिक रूप से सबसे तीव्र चक्रवाती तूफान था।

1999 के सुपर साइक्लोन ने 9,000 से अधिक लोगों की जान ले ली थी।

उन्होंने कहा कि 700 किलोमीटर तक फैले और लगभग 15 कि. मी. ऊंचाई वाला चक्रवात अम्फान अपने केंद्र में 220 से 230 कि. मी. प्रति घंटे की गति से घूम रहा है। यह पिछले छह घंटों के दौरान सात कि. मी. प्रति घंटा की रफ्तार से उत्तर की ओर बढ़ रहा है और यह ओडिशा के पारादीप से 730 कि. मी. दक्षिण में, पश्चिम बंगाल के दीघा से 890 कि. मी. दक्षिण-दक्षिण पश्चिम और बांग्लादेश के खेपुरा से 1,010 कि. मी. दक्षिण-दक्षिण-पश्चिम में केंद्रित है।

सुपर साइक्लोन के 20 मई को सुंदरबन के करीब दीघा द्वीप और बांग्लादेश के हटिया द्वीप के बीच टकराने की आशंका है। मौसम विभाग ने तटीय पश्चिम बंगाल और ओडिशा के लिए ऑरेंज अलर्ट जारी किया है, जहां इससे व्यापक नुकसान होने की आशंका है।

महापात्रा ने कहा कि चक्रवात बहु-खतरे का कारण बन सकता है और इससे तेज लहर, तेज हवा और भारी बारिश की संभावना है।

उन्होंने कहा कि दक्षिण और उत्तर परगना, पश्चिम और पूर्व मेदिनीपुर, हुगली, हावड़ा और कोलकाता जैसे पश्चिम बंगाल के तटीय जिलों में बारिश 19 मई से शुरू होगी और 55 से 65 कि. मी. प्रति घंटा की रफ्तार से हवा चलेगी। ज्वार की लहर खगोलीय ज्वार से चार से छह फीट ऊपर होने की उम्मीद है।

महानिदेशक ने कहा, सुपर साइक्लोन के आने के बाद भारी बारिश से लेकर बेहद भारी बारिश का कारण बनेगा और साथ ही 165 से 195 कि. मी. प्रति घंटा की रफ्तार से हवा चलेगी। इस हवा की गति बड़े पैमाने पर नुकसान पहुंचा सकती है।

उन्होंने कहा कि यह तेज हवा पेड़ों के साथ ही संचार और बिजली ट्रांसमिशन के खंभों को उखाड़ सकती है। टेलीफोन लाइनों को नुकसान पहुंच सकता है और घरों, फसलों और वृक्षारोपण को भी भारी नुकसान की संभावना है।

महापात्रा ने कहा कि ओडिशा के उत्तरी तटीय जिलों जैसे जगतसिंहपुर, केंद्रपाड़ा, भद्रक और बालासोर पर चक्रवात का जल्दी असर होगा।

उन्होंने कहा, हालांकि यह प्रभाव प्रत्यक्ष नहीं होगा, क्योंकि चक्रवात राज्य के समानांतर चल रहा है। आज (सोमवार) रात से उत्तर ओडिशा के जिलों में 110 से 130 कि. मी. प्रति घंटा की रफ्तार से हवा चलेगी।

इससे पहले मई 2019 में ओडिशा से टकराने वाला फानी अंतिम गंभीर चक्रवात था।

महापात्रा ने कहा कि अब बंगाल की खाड़ी में चक्रवातों में कमी जरूर आई है, मगर साथ ही इनकी गंभीरता बढ़ गई है।

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