2500 मरीजों के लिए आईसीयू नहीं होगा और जीवन रक्षक ऑक्सीजन हो जाएगी खत्म

मध्यप्रदेश

मध्य प्रदेश के स्वास्थ्य विभाग द्वारा कोरोनावायरस संक्रमण के संदर्भ में जो पूर्वानुमान लगाया गया है वह डरा देने वाला है। जी दरअसल स्वास्थ्य विभाग के प्रेजेंटेशन की एक स्लाइड लीक हो चुकी है। इसमें यह बताया गया है कि 30 अप्रैल तक हर रोज हालात और ज्यादा खराब होते जाएंगे। ऐसा भी कहा जा रहा है कि एक्टिव केस की संख्या 1।85 लाख तक पहुंच सकती है। बताया गया है कि 17000 मरीजों के लिए अस्पतालों में बेड नहीं होंगे। 2500 मरीजों के लिए आईसीयू नहीं होगा और जीवन रक्षक ऑक्सीजन खत्म हो जाएगी। इंजेक्शन एवं दूसरी दवाई भी कम पड़ जाएंगी। अब इतने एक्टिव केस के हिसाब से ऑक्सीजन की व्यवस्था जुटाना भी लगभग असंभव है।

आप सभी को बता दें कि शिवराज सिंह चौहान सरकार ने अभी तक 670 टन ऑक्सीजन की आपूर्ति के करार अलग-अलग राज्यों के साथ किए हैं, लेकिन तब जरूरत 800 टन से अधिक की होगी। इसका मतलब है कि 130 टन ऑक्सीजन कम पड़ सकती है। अब अस्पतालों में ऑक्सीजन सिलेंडर के लिए लूटमार होगी, जैसे कि शिवपुरी के जिला चिकित्सालय में हुई है, जिसके कारण मरीजों की मौत हो जाएगी।

आपको बता दें कि इस प्रेजेंटेशन में तीन तरह के बेड की जरूरत बताई गई है। इनमे पहला- बिना ऑक्सीजन सपोर्ट वाले आइसोलेशन बेड, दूसरा- ऑक्सीजन वाले आइसोलेशन बेड और तीसरा- आईसीयू व एचडीयू बेड। अब भोपाल-इंदौर की हालत और बिगड़ सकती है। जी दरअसल इंदौर, ग्वालियर और जबलपुर में ऑक्सीजन युक्त बेड व आईसीयू-एचडीयू बेड की करीब 1900 की आवश्यकता प्राइवेट सेक्टर में होगी।

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