10 तारीख का देश को इंतजार रहेगा : सीएम बघेल

छत्तीसगढ़

छत्तीसगढ़ के मुख्यमंत्री भूपेश बघेल उत्तर प्रदेश विधानसभा चुनाव के अंतिम चरण का चुनावी प्रचार कर रायपुर लौट आए हैं। आप सभी को बता दें कि भूपेश ने हाल ही में मीडिया से बात करते हुए कहा कि, 'यूपी में प्रियंका गांधी के नेतृत्व में चुनाव लड़ा गया। 10 तारीख का देश को इंतजार रहेगा। जिन मुद्दों को लेकर कांग्रेस ने अपने अभियान की शुरुआत की समाजवादी पार्टी और भाजपा को उन्हीं मुद्दों पर आना पड़ा। महिलाओं को आरक्षण और महंगाई जैसे मुद्दों पर बात करनी पड़ी। यूपी चुनाव में कांग्रेस के पास खोने को कुछ नहीं है, बल्कि सिर्फ पाना ही पाना है।'

 

इसी के साथ आगे CM भूपेश ने कहा कि, 'कांग्रेस के लिए उत्तर प्रदेश में खोने को कुछ नहीं है, सब पाना ही पाना है। भाजपा जितना मोदी के बारे में बात करेगी वह उतना ही भारी पड़ने वाला है। भाजपा के लोग जितना प्रधानमंत्री मोदी के बारे में बताएंगे उतना नुकसान होगा। नोटबंदी, जीएसटी फेल रही, काला धन नहीं आया। बैंक का पैसा लेकर इनके मित्र भाग गए। प्रधानमंत्री अब गुजरात मॉडल की बात नहीं करते। गुजरात मॉडल फेल हो गया। गुजरात मॉडल से मुट्ठी भर पूंजीपतियों व उनके मित्रों के ऋण माफ हुए हैं। आज पूरे देश में छत्तीसगढ़ मॉडल की चर्चा हो रही है। देश के प्रधानमंत्री खुद यूपी के चुनावी सभा में छुट्टा मवेशियों के लिए योजना बना की बात कह रहे हैं। छत्तीसगढ़ के योजनाओं के इर्द-गिर्द भाषण रहे हैं। यह छत्तीसगढ़ के लिए बड़ी उपलब्धि है।'

 

 

 

इसी के साथ यूक्रेन की घटना को लेकर भूपेश ने कहा कि, 'पूरा देश चिंतित है। सरकार अपने लोगों को बचाने में विफल रही है। पौने 2 लाख लोगों को गुजराल सरकार के समय खाड़ी देशों से वापस लाया गया था। आज यूक्रेन में पढ़ने गए हमारे देश के विद्यार्थियों पीने को पानी नहीं मिल रहा है। खाने को नहीं मिल रहा है। मौतें हो रही है। वहां से निकलने की व्यवस्था नहीं है। कड़कड़ाती ठंड में चलने को मजबूर होना पड़ रहा है। तरह-तरह की परेशानी हो रही है। इस तरह की अव्यवस्था हिन्दुस्तान में आज तक देखने को नहीं मिली थी।'

 

इसी के साथ मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने भाजपा पर तंज कसते हुए कहा कि, 'पुरंदेश्वरी बार-बार आएं हमें अच्छा लगता है। वे जब-जब आती हैं, हंटर चलाती हैं। नेताओं को औकात बता देती हैं। 15 साल तक प्रदेश के मुख्यमंत्री रहे डॉ. रमन सिंह, बृजमोहन अग्रवाल, धरमलाल कौशिक को बैठकों में नहीं बुलाया जाता। यह कितनी बड़ी बेईज्जती है। राष्ट्रीय नेता या प्रदेश प्रभारी आए और इन्हें आमंत्रित भी नहीं करते। वे कहती हैं कि ये कोई दावेदार नहीं है। हम तो रमन सिंह जी को बड़ा नेता समझते थे, लेकिन उनके राष्ट्रीय स्तर के पदाधिकारी इन्हें छोटे नेता तक नहीं मानते।'

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