इंदौर चिड़ियाघर से गायब हुआ तेंदुआ

मध्यप्रदेश

इंदौर चिड़ियाघर से रहस्यमय ढंग से गायब हुए तेंदुए के केस में अब नई बात सामने सुनने को मिल रही है। वन विभाग ने बीते मंगलवार को जो तेंदुआ पकड़ा जो कि नर बताया जा रहा है। वहीं, बुरहानपुर से मादा तेंदुए को इंदौर लाया गया था। वन विभाग की कार्रवाई पर कई प्रश्न उठने लगे है , जिससे ऐसा लग रहा है कि पूरे केस में लीपापोती हो रही है। 

जहां इस बात का पता चला है कि बुरहानपुर से इंदौर लाया गया तेंदुआ बीते सप्ताह चिड़ियाघर से गायब हो हुआ था। 5 दिन तक तलाश के उपरांत मंगलवार को इंदौर के नवरतन बाग से तेंदुए को पकड़ लिया गया था। बिना पिंजरे के उसे वाहन में बैठाकर चिड़ियाघर लेकर जा रहे थे। चिड़ियाघर को वन विभाग ने जो पत्र दिया था, उसमें मादा तेंदुआ होने की बात बोली गई थी। वहीं, मंगलवार को जो तेंदुआ पकड़ाया है, वह नर है। इस कारण से वन विभाग की कार्यवाही ही सवालों से घिर चुके है। 

 

वन विभाग के अधिकारियों ने इस बारें में बोला है कि जब तेंदुए को पकड़ा गया था तब वेटरनरी डॉक्टर ने परीक्षण किया था। परीक्षण के आधार पर बोला था कि वह मादा हो सकता है। चूंकि, वह छोटा था और दूर से देखकर जांच की थी इसलिए ऐसा बोला गया था। दोनों तेंदुए के शरीर पर धब्बों के निशान एक जैसे हैं। जो तेंदुआ पकड़ा गया है और जो गायब हुआ, दोनों समान है। इंदौर के चिड़ियाघर प्रभारी डॉ. उत्तम यादव ने बुला है कि वन विभाग ने हमें जो कागज सौंपे थे, उसमें मादा तेंदुए का जिक्र था। जो तेंदुआ पकड़ा गया है वह नर है।

 

जहां इस बात का पता चला है कि वन मंत्री विजय शाह ने बोला था कि 11 दिसंबर को समीक्षा करने वाले है। ऐसे में अनुमान लगाए जा रहे हैं कि क्या इसी कारण से तेंदुए को जैसे-तैसे पकड़ लाए हैं। क्या केस में खुद को सही साबित करने के लिए वन विभाग ने ये चाल चली है। क्या वन मंत्री की नाराजगी से बचने के लिए पूरी पटकथा लिखी गई? मामले की कार्रवाई की मांग उठ रही है।

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