सरकार ईंधन पर अधिक कर से भर रही अपना खजाना, आम लोगों पर बढ़ा बोझ : कांग्रेस

देश

कांग्रेस ने शनिवार को कहा कि पिछले 15 वर्षों में अंतर्राष्ट्रीय स्तर पर कच्चे तेल की कीमतें सबसे कम होने के बावजूद देश में पेट्रोल और डीजल की कीमतें आसमान छू रही हैं। पूर्व केंद्रीय मंत्री कपिल सिब्बल ने एक संवाददाता सम्मेलन में कहा कि मई 2014 में मोदी सरकार के सत्ता में आने के बाद से पेट्रोल पर केंद्रीय उत्पाद शुल्क में 258 प्रतिशत और डीजल पर 819 प्रतिशत की वृद्धि हुई है।

उन्होंने कहा, आम आदमी इस तरह के उच्च करों से प्रभावित होता है।

कांग्रेस ने कहा कि उपभोक्ताओं को कम क्रूड की कीमतों का लाभ देने के बजाय, पेट्रोल व डीजल की कीमतों में 13 जून को सातवें दिन बढ़ोतरी की गई। देश भर के प्रमुख शहरों में पेट्रोल अब 59 से 61 पैसे महंगा हो गया है, जबकि डीजल की कीमतें 50 से 60 पैसे बढ़ गई हैं।

पार्टी ने दावा किया कि सरकार अपना खजाना भर रही है, लेकिन बोझ आम लोगों पर पड़ रहा है।

केयर रेटिंग्स की एक रिपोर्ट के मुताबिक, बढ़ोतरी का मतलब यह है कि केंद्र सरकार पेट्रोल के आधार मूल्य (बेस प्राइस) पर 270 प्रतिशत और डीजल पर 256 प्रतिशत कर वसूल रही है।

विश्लेषकों के अनुसार, चालू वित्त वर्ष के शेष बचे 11 महीनों (अप्रैल 2020 से मार्च 2021) में केंद्र सरकार को 1.6 लाख करोड़ रुपये का लाभ प्राप्त हुआ है। पेट्रोल और डीजल पर 14 मार्च के उत्पाद शुल्क में तीन रुपये प्रति लीटर की वृद्धि के साथ वार्षिक राजस्व में 39,000 करोड़ रुपये की वृद्धि के साथ सरकार दो लाख करोड़ रुपये का लाभ उठा रही है।

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