सीएम शिवराज की कलेक्टर-कमिश्नर्स एवं पुलिस अधीक्षक, पुलिस महानिरीक्षक से चर्चा

मध्यप्रदेश

मध्यप्रदेश में विकास कार्यों और सरकारी योजनाओं को आम जनता तक पहुंचाने के लिए शिवराज सरकार निरंतर प्रयास कर रही है। इन सभी के बीच आज शिवराज सिंह चौहान की अध्‍यक्षता में वीडियो कॉन्फ्रेन्स आयोजित की गई है। बता दें कि इस वीडियो कॉन्फ्रेन्स के माध्यम से सीएम शिवराज कलेक्टर-कमिश्नर्स एवं पुलिस अधीक्षक, पुलिस महानिरीक्षक से चर्चा कर रहे है। ऐसे में हाल ही में प्राप्त हुई खबर के अनुसार मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान मंत्रालय से वीडियो कांन्फ्रेंसिंग के माध्यम से कमिश्नर्स, कलेक्टर्स, पुलिस महानिरीक्षक एवं पुलिस अधीक्षकों के साथ बैठक कर रहे है। इस बारे में खुद सीएम शिवराज ने जानकारी दी है।

 

 

उन्होंने कहा है- 'कमिश्नर, कलेक्टर, आईजी, एसपी के साथ इस वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग ने धीरे-धीरे सुशासन के लिए व्यवस्थागत रूप धारण कर लिया है, कॉन्फ्रेंस का निश्चित एजेंडा है, उस पर बिंदुवार चर्चा होगी। सर्वप्रथम कानून व्यवस्था की स्थिति की समीक्षा और विश्लेषण किया जायेगा।' हाल ही में मिली जानकारी के तहत इस बैठक में सीएम शिवराज ने कहा, 'प्रधानमंत्री ने डीजीपी कॉन्फ्रेंस में कई विषयों पर विचार विमर्श किया है। इस संबंध में प्रधानमंत्री के निर्देश भी प्राप्त हुए हैं। इन निर्देशों के संबंध में भी वीडियो कॉन्फ्रेंस में चर्चा की जाएगी। कलेक्टर, एसपी अपने-अपने स्तर पर सरकार के प्रतिनिधि हैं। जिलों में उन्हीं के काम पर जनता को सुशासन देना निर्भर है। उन्हीं के कार्य से सरकार की विभिन्न योजनाएं जनता तक पहुंचती हैं। जिला स्तर पर कलेक्टर एसपी के अच्छे कार्य का बेहतर असर होता है, परंतु जहां ढिलाई रहती है, उससे सरकार की छवि प्रभावित होती है। संपूर्ण प्रशासनिक अमला पूरी प्रतिबद्धता से कार्य करें।'

 

 

इस दौरान कई अन्य मुख्य मुद्दों पर भी चर्चा की जा रही है। इस दौरान बैठक में मुख्यमंत्री ने कहा, 'मध्यप्रदेश में अब गोचर हेतु उपयोग की जाने वाली किसी सरकारी भूमि को भी किसी विकास परियोजना के लिए आवंटित करने से पहले मप्र गौपालन और पशुधन संवर्धन बोर्ड से सहमति लेनी होगी, यह निर्णय गायों के लिए घास के मैदान आसानी से उपलब्ध कराने हेतु लिया गया है।' आगे उन्होंने कहा, 'हमने यह भी निर्णय लिया है कि बंद किए गए आठ 'गौ सदनों' को फिर से चालू किया जाएगा। जबलपुर जिले के गंगईवीर में सरकार की 530 एकड़ जमीन उपलब्ध है वहां पर "गौ वन विहार" बनाकर 2,000 गायों को आश्रय दिया जायेगा। हमने बजट में गायों के लिए 300 करोड़ रुपये का प्रावधान भी किया है।'

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