कांग्रेस को क्षेत्रीय पार्टियों का फोबिया हो गया है...

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कांग्रेस को क्षेत्रीय पार्टियों का फोबिया हो गया है...', ये तीखे बोल कर्नाटक के पूर्व सीएम और JD(S) नेता एचडी कुमारस्वामी के हैं. दरअसल, राजस्थान में कांग्रेस के चिंतन शिविर के अंतिम दिन राहुल गांधी ने कहा था कि क्षेत्रीय पार्टियां भाजपा-RSS का मुकाबला नहीं कर सकती हैं, क्योंकि उनकी कोई भी वैचारिक प्रतिबद्धता नहीं होती है. कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष राहुल गांधी के इस बयान पर JDS नेता कुमारस्वामी ने पलटवार किया है.

 

कुमारस्वामी ने कहा है कि आईके गुजराल के नेतृत्व में संयुक्त मोर्चा की सरकार को कांग्रेस ने इसलिए गिरा दिया गया था, क्योंकि उसकी मांग थी कि DMK को मंत्रिमंडल से बाहर रखा जाए. उस वक़्त कांग्रेस का कहना था कि DMK का राजीव गांधी की हत्या करने वाले संगठन लिट्टे से ताल्लुक है. मगर कुछ वर्षों के बाद इसी कांग्रेस ने DMK से रिश्ता जोड़ लिया. कुमारस्वामी ने ट्वीट करते हुए सवाल किया है कि, 'DMK के साथ 10 साल सत्ता में रहकर मनमोहन सिंह के नेतृत्व वाली UPA-1 और UPA-2 सरकार चलाना क्या कोई वैचारिक प्रतिबद्धता थी?

 

 

 

बता दें कि राहुल गांधी ने उदयपुर में कहा था कि अकेले कांग्रेस के पास भाजपा को हराने की ताकत है, उनके इस बयान पर कुमारस्वामी ने कहा कि राहुल गांधी को यह नहीं भूलना चाहिए कि कांग्रेस ने 10 साल सत्ता का मजा केवल क्षेत्रीय दलों के भरोसे ही लिया है. कुमारस्वामी ने आरोप लगाते हुए पूछा कि, 'पर्दे के पीछे भाजपा के 'ऑपरेशन लोटस' में हिस्सा लिया, फिर हमारे साथ गठबंधन किया, क्या ये वैचारिक प्रतिबद्धता थी? उसके बाद गठबंधन को तोड़ना क्या विचारधारा के आधार वाली सियासत थी?'

 

कुमारस्वामी ने आगे कहा कि, अपनी कभी सहयोगी रही पार्टी कांग्रेस पर निशाना साधते हुए कहा कि इसका कई राज्यों जैसे आंध्र प्रदेश, तेलंगाना, ओडिशा में अस्तित्व ही नहीं बचा है. कर्नाटक में भी कांग्रेस के अंतिम दिन चल रहे हैं. अच्छा होगा कि राहुल गांधी इसे समझ जाएं. बता दें कि वर्ष 2018 में कर्नाटक विधानसभा चुनाव में किसी पार्टी को बहुमत नहीं मिला था. उस वक़्त कांग्रेस ने JDS के साथ मिलकर सरकार बनाई थी, जिसमें कुमारस्वामी मुख्यमंत्री बने थे. किन्तु 14 महीने बाद ही दोनों पार्टियों में मतभेद हो गए और सरकार गिर गई थी.

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