सुपेबेडा गांव को लेकर हाईकोर्ट ने लिया संज्ञान, 4 सप्ताह में ग्राउंड रिपोर्ट पेश करने के निर्देश

छत्तीसगढ़

छत्तीसगढ़ : गरियाबंद के किडनी प्रभावित सुपेबेडा गांव को लेकर हाईकोर्ट ने एक बार फिर संज्ञान लिया है, हाईकार्ट ने न्यायमित्र को 4 सप्ताह में ग्राउंड रिपोर्ट पेश करने के निर्देश है। न्यायमित्र हाईकोर्ट को क्या रिपोर्ट सौंपेंगे उससे पहले हम आपको दिखाते है सुपेबेडा की ग्राउंड रिपोर्ट,

तीन साल में किड़नी प्रभावित लोगों के बढ़े आंकड़े
सरकारी आंकडों के मुताबिक पिछले तीन साल में किडनी की बीमारी से सुपेबेडा में 70 लोगों की मौत हो चुकी है और 200 से ज्यादा ग्रामीण अभी भी किडनी की बीमारी से जुझ रहे है, मौतो का सिलसिला और बीमार लोगो की संख्या में लगातार इजाफा हो रहा है, बीमारी के कारणों का पता लगाने के लिए केन्द्र और राज्य सरकार द्वारा कई बार जॉच करायी गयी मगर अबतक कारणों का पता नही चल पाया है, फिर भी अधिकांश जॉच एजेंसियों ने दुषित पानी को बीमारी की मुख्य वजह बताया है, सरकार ने ग्रामीणों को शुद्धपेयजल उपलब्ध कराने के लिए करोडो रुपये के ट्रीटमैंट प्लांट लगाये है, मगर इसे ग्रामीणों का दुर्भाग्य ही कहेंगे कि ग्रामीण आज भी वही दूषित पानी पीने पर मजबूर है।

पीड़ितों को नहीं मिल रहा इलाज
बीमारी में लगातार इजाफा होने का सबसे बडा कारण पीडितों को सही इलाज नही मिलना माना गया है, राज्य शासन पीडितों को कई बार मेकाहार लेकर आया मगर हर बार ग्रामीण मेकाहारा की अव्यवस्था से नाराज होकर बिना ईलाज कराये ही बैरंग लौट गये, सरकार ने पीडितों को राहत देने के लिए सालभर पहले देवभोग में डायलसिस मशीन लगायी जो आज भी एक कमरे में बंद पडी है, और पीडितों को इलाज कराने के लिए इधर उधर भटकना पड रहा है।

सरकारों के फेरबदल से नहीं बदली जमीनी हकीकत
तीन साल में प्रदेश में सरकारे बदल गयी मगर इस दौरान सुपेबेडा की तस्वीर और वहॉ के लोगों की तकदीर नहीं बदली, भाजपा की सरकार रही हो या फिर वर्तमान की कांग्रेस सरकार हो सभी ने कागजों में तो सुपेबेडा के लिए बहुत कुछ करने का दावा किया है मगर जमीनी हकीकत में कुछ नही किया, ऐसे में हाई कोर्ट के दोबारा संज्ञान लेने से सुपेबेडावासियों में एक बार फिर कुछ अच्छा होने की उम्मीद जगी है।

Back to Top