मूक बधिर विद्यालय में एक छात्र की संदिग्ध परिस्थितियों में मौत

मध्यप्रदेश

मध्यप्रदेश :  जगदगुरू रामभद्राचार्य के चित्रकूट स्थित तुलसी प्रज्ञा चक्षु मूक बधिर उच्चतर माध्यमिक विद्यालय में एक छात्र की संदिग्ध परिस्थितियों में मौत हो गई है। मृतक छात्र कक्षा 6वीं का दिव्यांग विद्यार्थी है। छात्र चित्रकूट जिले के सेमर दहा गांव का निवासी था जो इस विद्यालय में अध्ययनरत था, बताया जाता है कि उक्त छात्र प्रतिदिन मॉर्निंग वॉक करता था तथा दौड़ लगाता था, लेकिन आज सुबह संदिग्ध परिस्थितियों में उसकी मौत हो गई है। छात्र की मौत का मामला इसलिए संदिग्ध है कि वहां के छात्र दौड़ने पर गिरने से मौत होना बता रहे हैं जबकि स्कूल प्रबंधन इस घटना को छात्र के छत से गिरने पर मौत बताई जा रही है हालांकि परिजन इस घटना को पूरी तरह से संदेहास्पद मान रहे हैं।

परिजनों के मुताबिक मृतक को न तो अस्पताल ले जाया गया और न ही 3 घंटे तक घटनास्थल पर स्थानीय पुलिस ही पहुंची, इस घटना को लेकर बौखलाए परिजन काफी देर तक हंगामा करते रहे। परिजनों ने 5 डाक्टरों के पैनल से पीएम कराने व घटना की जांच कराए जाने की मांग की है। फिलहाल मृतक को पुलिस ने कब्जे में ले लिया है और पीएम के लिए भेज दिया है ।
तुलसी प्रज्ञा चक्षु उच्चतर माध्यमिक विद्यालय मैं संदिग्ध परिस्थितियों में हुई छात्र की मौत से वहां रह रहे 200 से अधिक छात्रों की सुरक्षा पर सवालिया निशान खड़े हो गए है यहां रह रहे करीब 50 से अधिक छात्र आंखों से दिव्यांग है जो बिना किसी सुरक्षा के छत में और मैदान में घूमते हैं लेकिन विद्यालय प्रबंधन लगातार लापरवाही बना हुआ है।

मृतक के परिजन के मुताबिक छात्र आनंद मिश्रा की मौत का मामला संदिग्ध है क्योंकि घटना के तुरंत बाद मैं तो छात्र को अस्पताल ले जाया गया और ना ही 3 घंटे तक मौके पर पुलिस आई साथ ही इस मामले में बिना पीएम रिपोर्ट के ही स्थानीय पुलिस द्वारा गिरकर मौत होने की बात कही जा रही है जिससे मामला और भी संदेहास्पद है यदि इस घटना का खुलासा नहीं किया गया तो हम कानूनी कार्यवाही भी कराएंगे क्योंकि विद्यालय में कोई जिम्मेदार आदमी तैनात नहीं है जो गार्डन है वह रात्रि में रहते भी नहीं है यहां रह रहे छात्रों की कोई देख ले कि नहीं होती है और गंभीर लापरवाही की जा रही है इस घटना में भी यहां के वार्डन द्वारा लापरवाही की गई है जिससे छात्र की मौत हो गई है।

2 हॉस्टलों में रह रहे एक छात्र ने अपनी पीड़ा बतायी, छात्र के मुताबिक हॉस्टल में वार्डन के द्वारा छात्रों के साथ घोर लापरवाही की जा रही है यहां तक कि इन्हें मिलने वाली सुविधाएं कपड़े और भोजन भी सही ढंग से नहीं मिल रहा, यदि यहां के छात्र एतराज करते हैं तो वार्डन के द्वारा इनके साथ मारपीट की जाती है, इन छात्रों को इतने दबाव में रखा जाता है कि यह कुछ बोल नहीं पाते, इन्हें डर है कि इनको या तो हॉस्टल से निकाल दिया जाएगा या फिर इनके साथ कोई घटना भी घटित हो सकती है। अब ऐसी दशा में यहां रह रहे इन छात्रों का भगवान ही मालिक है।

बता दें कि इस मूक बधिर दिव्यांग विद्यालय में 200 से अधिक छात्र हॉस्टल में रहते हैं जिनकी देखरेख का जिम्मा हॉस्टल अधीक्षक का है लेकिन इस विद्यालय में शिक्षक गंगाराम को ही वार्डन की जिम्मेदारी दी गई है जो कि बेहद लापरवाह है । हॉस्टल में रात्रि में चौकीदार के अलावा कोई नहीं रहता और न ही रात्रि में इन छात्रों की कोई देखरेख होती । क्योंकि रात्रि में चौकीदार के अलावा यहां कोई नहीं रहता। घटना के वक्त भी वार्डन विद्यालय में मौजूद नहीं थे, फिलहाल वार्डन का कहना है कि मैं शिक्षक हूं मुझे यह उपरी जिम्मेदारी दी गई है और यहां मैं नहीं रहता हूं क्योंकि मेरे यहाँ रहने के लिए आवास नहीं है।

पुलिस का कहना है कि विद्यालय में एक दिव्यांग छात्र की छत से गिरकर मौत हुई है विद्यालय प्रबंधन द्वारा थाने में इस संबंध में सूचना दी गई जिसके आधार पर मामला दर्ज कर लिया गया है साथ ही डॉक्टरों के पैनल से पीएम कराया जाएगा ।

 

 

 

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