इस्तीफा बनाम राहुल गांधी...

संपादकीय

- कृष्णकांत अग्निहोत्री
   संपादक खबरनेट

2019 लोकसभा चुनाव में मिली शर्मनाक हार के बाद राहुल गांधी ने 25 मई को बुलाई गई कांग्रेस कार्यसमिति की बैठक के समक्ष हार की जिम्मेदारी लेते हुए कांग्रेस के राष्ट्रीय अध्यक्ष के पद से इस्तीफे की पेशकश कर दी थी। लेकिन इस बैठक में ही उपस्थित CWC के सभी सदस्यों ने सर्वसम्मति से राहुल गांधी के इस्तीफे को अस्वीकार कर दिया। जी हां, इसके बाद भी राहुल अपने फैसले पर अड़े रहे, साथ ही राहुल ने नया अध्यक्ष चुनने के लिए पार्टी के दिग्गज नेताओं को अगले एक महीने का वक़्त भी दिया है।

इस्तीफे की पेशकश के बाद से ही राहुल गांधी को मनाने का हर प्रयास विफल रहा। वहीं कांग्रेस के कई बड़े दिग्गजों ने राहुल गांधी को सलाह दी है कि वो इस संकट के समय में पार्टी का नेतृत्व करते रहें। लेकिन इस बीच राहुल लगातार नेताओं को कहते रहे कि वो अगले अध्यक्ष के चुनाव की प्रक्रिया शुरू कर दें। इसके साथ ही राहुल ने ये भी संकेत दिया कि वो पार्टी अध्यक्ष रहे बिना भी पार्टी के लिए कार्य करते रहेंगे। किन्तु आज CWC बैठक के तक़रीबन एक महीने बाद भी असमंजस की स्थिति कायम है। फिलहाल राहुल गांधी अगले एक से डेढ़ वर्ष तक कांग्रेस अध्यक्ष पद से दूर रहेंगे, बताया जा रहा है कि कांग्रेस के वरिष्ठ नेताओं ने ही ये बीच का रास्ता राहुल गांधी के लिए निकाला है। इस दौरान राहुल गांधी बगैर किसी पद के देश भर में कांग्रेस के कार्यकर्ताओं से सीधे वार्ता करेंगे। वहीं नए कांग्रेस अध्यक्ष के चयन को लेकर जल्द ही कांग्रेस कार्यसमिति की बैठक भी आयोजित की जा सकती है।

गौरतलब है कि राहुल गांधी ने गांधी परिवार से इतर किसी व्यक्ति को अध्यक्ष पद पर चुनने की बात बैठक में कही थी लेकिन सीडब्ल्यूसी ने राहुल की पेशकश नामंजूर करते हुए स्पष्ट कर दिया था कि पार्टी को गांधी परिवार के मार्गदर्शन और नेतृत्व की ही जरूरत है। बैठक में कांग्रेस कार्यसमिति के सदस्यों ने यूपीए अध्यक्ष सोनिया गांधी से हस्तक्षेप करने और राहुल गांधी को समझाने के लिए कहा। इस पर सोनिया ने कहा कि यह राहुल का फैसला है कि उन्हें पद पर रहना है या नहीं। वहीं, प्रियंका गांधी ने कहा कि कोई भी फैसला जल्दबाजी में नहीं लेना चाहिए। इससे पहले कांग्रेस कार्यसमिति की बैठक के दौरान भी राहुल के इस्तीफे की पेशकश की खबरें आई थीं, लेकिन तब पार्टी ने इससे इनकार कर दिया था। वहीं पी चिदंबरम का आश्चर्यचकित कर देने वाला बयान इस बीच सामने आया, उन्होंने कहा था कि राहुल इस्तीफा देंगे तो दक्षिण में हमारा कैडर आत्महत्या कर लेगा। बता दें कि कांग्रेस के वरिष्ठ नेता पी चिदंबरम राहुल गांधी को इस्तीफा न देने की सलाह देते वक्त भावुक हो गए। उन्होंने कहा कि राहुल गांधी अगर ऐसा करते हैं, तो कांग्रेस का जो कैडर दक्षिण में है, वह आत्महत्या कर लेगा।

कांग्रेस लगातार दूसरे लोकसभा चुनाव में अपना प्रदर्शन नहीं सुधार पाई। 2014 में कांग्रेस ने 44 सीटें जीती थीं, इस बार पार्टी को आठ सीटों का फायदा हुआ। खासकर मध्यप्रदेश, राजस्थान और छत्तीसगढ़ में, जहां पार्टी ने पांच महीने पहले ही विधानसभा चुनाव जीते थे। बैठक में कर्नाटक विधानसभा चुनाव में हुई हार पर भी मंथन हुआ। यहां कांग्रेस सत्ता में थी, लेकिन इस बार भाजपा ने 28 में से 25 सीटों पर जीत दर्ज की है। कांग्रेस को सिर्फ एक सीट पर संतोष करना पड़ा। जानकारी के मुताबिक राहुल गांधी ने कर्नाटक, उत्तरप्रदेश और ओडिशा में हार की जिम्मेदारी को लेते हुए इस्तीफा दे दिया है। लेकिन आगे सियासी हलचलों के दौरान देखना ये होगा कि क्या राहुल गांधी वाकई कांग्रेस अध्यक्ष पद की कुर्सी से दूर रहेंगे? या फिर ये रूठने मनाने का सिलसिला कांग्रेस पार्टी में आगे भी जारी रहेगा। ये कयास तब तक लगते रहेंगे जब तक कांग्रेस पार्टी इस असमंजस की स्थिति को स्पष्ट न कर दे।

 

 

 

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