महाराष्ट्र की सियासत में फिर उलझा पेंच...

संपादकीय

महाराष्ट्र की 288 विधानसभा सीटों के नतीजे आ चुके हैं। रिजल्ट आने के बाद राज्य में नई सरकार को लेकर सियासी हलचल तेज हो गई हैं। केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने शिवसेना प्रमुख उद्धव ठाकरे को प्रदेश में भाजपा-शिवसेना की जीत को लेकर बधाई देते हुए कहा है कि वह सत्ता के विभाजन को लेकर दिवाली के बाद बात करेंगे।

भाजपा सूत्रों का कहना है सीएम पद को लेकर शिवसेना से कोई वार्ता नहीं होगी। बेशक उद्धव ठाकरे 50-50 के फॉर्मूला को लेकर दबाव बना रहे हैं। जिसका मतलब है कि मंत्रालयों का विभाजन बराबर होगा और ढाई-ढाई वर्ष के लिए सीएम का पद दोनों पार्टियों के पास रहेगा। वहीं सीएम देवेंद्र फडणवीस का कहना है कि भाजपा शिवसेना की सीएम पद को बांटने वाली मांग स्वीकार नहीं करेगी क्योंकि उसे 105 सीटें मिली हैं और उसके पास 10 निर्दलीयों का समर्थन हासिल है। यदि 56 विधानसभा सीटों वाली शिवसेना ढाई साल के लिए मुख्यमंत्री पद की मांग करती है तो भाजपा उसके साथ कोई सौदा नहीं करेगी।

हालांकि सेना ने अपने मुखपत्र सामना में लिखा है कि, महाराष्ट्र की जनता का रुझान सीधा और स्पष्ट है। अति नहीं, उन्माद नहीं वर्ना खत्म हो जाओगे, ऐसा जनादेश ईवीएम की मशीन से बाहर आया है। CM देवेंद्र फडणवीस को आखिरी वक़्त तक यह आत्मविश्वास था कि ईवीएम से सिर्फ कमल (भाजपा का चुनाव चिह्न) ही बाहर आएगा। मगर 164 में से 63 सीटों पर कमल नहीं खिला।

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