मुंबई में 1,500 से अधिक वृक्ष कटे, प्रदर्शनकारी पेड़ों से चिपके, धारा 144 लागू..

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देश की आर्थिक राजधानी मुंबई में गत पांच वर्षों से पर्यावरण कार्यकर्ताओं और मुंबई मेट्रो रेल कॉर्पोरेशन के बीच जंग चल रही है। यह जंग 2,185 पेड़ काटने को लेकर है। यह जंग शुक्रवार को उस वक़्त सड़क पर आ गई जब कई प्रदर्शनकारी पेड़ काटने के विरोध में वृक्षों से चिपक गए। यह टकराव शनिवार को भारी मात्रा में पुलिस की तैनाती के साथ तक़रीबन ख़त्म हो गया है। पुलिस ने बगैर जमानत के 29 प्रदर्शनकारियों को गिरफ्तार कर लिया है। क्षेत्र में धारा 144 निषेधाज्ञा लागू है और कई स्थानों पर कटे हुए पेड़ पड़े हुए हैं।

इस लड़ाई में कौन हारा कौन जीता?
विकास और संरक्षण की इस लड़ाई में यह कहना कठिन है कि कौन जीता और कौन हारा, किन्तु कोलाबा और सीपजेड के बीच बनने वाले वर्ली-बांद्रा सीलिंक पर काम बेरोकटोक चल रहा है। बॉम्बे हाई कोर्ट ने जैसे ही बीएमसी पेड़ अधिकरण के आदेश को पलटते हुए MMRC को आरे में स्थित पेड़ काटने की इजाजत दी, उसने तुरंत अपना काम आरंभ कर दिया। शनिवार को हाई कोर्ट ने कार्यकर्ता जोरू भटेना और NGO वनशक्ति की उस याचिका को तुरंत स्वीकार करने से इंकार कर दिया जिसमें पेड़ों को काटने पर रोक लगाने की मांग की गई थी। जिसपर कोर्ट ने कहा कि ऐसा करने से वह अपने पूर्व में दिए फैसले का उल्लंघन करेगा।

पेड़ों की कटाई का सटीक ब्यौरा नहीं..
आरे कंजर्वेटिव ग्रुप की अमृता भट्टाचर्जी ने कहा है कि शनिवार को 1,500 से अधिक वृक्ष काटे जा चुके हैं। MMRC की प्रबंध निदेशक अश्विनी भिडे ने कहा कि, योजनाबद्ध कार्य पूरा होने के करीब है, किन्तु मेरे पास पेड़ों की कटाई का सटीक ब्यौरा नहीं है। प्रदर्शन करने वाले जिन लोगों को गिरफ्तार किया गया था, उनमें शिवसेना की उपाध्यक्ष प्रियंका चतुर्वेदी और पूर्व महापौर सुभा राउल भी शामिल हैं।

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