हमले के 43 दिन बाद मीडिया को मिली बालाकोट जाने की अनुमति, 3 अलग-अलग जगहों का किया मुआयना

विदेश

पाकिस्तान के बालाकोट क्षेत्र में पाकिस्तानी आतंकियों के ठिकानों पर इंडियन एयर फ़ोर्स के हवाई हमले के 43 दिन बाद बुधवार को पाकिस्तानी सरकार ने घटनास्थल पर पाकिस्तान स्थित अंतरराष्ट्रीय मीडिया के सदस्यों और विदेशी राजनयिकों को मुआयना करने की इजाजत दी है। हालांकि, पाकिस्तान की मिलिट्री हर स्थान पर पत्रकारों की निगरानी कर रही थी। जब मीडिया कर्मियों ने स्थानीय लोगों से बात करने का प्रयास किया तो उनसे कहा गया कि जल्दी करें अधिक लंबी बात ना करें।

पाकिस्तान अपनी बात से पलटा
उल्लेखनीय है कि कश्मीर के पुलवामा में 14 फरवरी को CRPF के 44 जवानों के शहीद होने के बाद इंडियन एयर फ़ोर्स ने 26 फरवरी को पाकिस्तानी आतंकियों के ठिकानों पर हमला किया था। इस घटना के बाद पाकिस्तान सरकार ने मीडिया को भरोसा दिलाया था कि अगले ही दिन उन्हें उस स्थान पर ले जाएगी, जहां भारत ने एयर स्ट्राइक करने का दावा किया है। हालांकि, बाद में वह इससे पलट गई थी।

तीन अलग-अलग स्थानों पर गई मीडिया
बता दें कि मीडिया टीम को तीन अलग-अलग स्थान दिखाए गए। उन्हें बताया गया कि इंडियन एयर फ़ोर्स ने यहां पर पेलोड गिराए थे। प्रेस वालों ने कहा है कि वहां केवल कुछ गड्ढे और कुछ जड़ से उखड़े हुए पेड़ दिखाई दिए। प्रेस वालों ने बताया है कि ये स्थान इंसानी आबादी से अलग-थलग थे। इस क्षेत्र में घर भी एक-दूसरे से काफी दूरी पर स्थित हैं। जब अधिकारियों से सवाल किया गया कि इस टूर के आयोजन में इतनी देरी क्यों लगाई गई है तो उन्होंने कहा है कि अस्थिर हालात ने लोगों को यहां तक लाना कठिन कर दिया था। अब उन्हें लगा कि मीडिया के टूर के आयोजन के लिए यह सही समय है। हालांकि, जब पाकिस्तानी सेना की मीडिया शाखा इंटर सर्विसेज पब्लिक रिलेशन्स के महानिदेशक मेजर जनरल आसिफ गफूर से सवाल किया गया कि प्रेस वालों ने मदरसे के बोर्ड पर मौलाना यूसुफ अजहर का नाम देखा तो उन्होंने कोई स्पष्ट जवाब नहीं दिया।

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