भारत और तुर्की के संबंधों में दूरी के संकेत

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पूरी दुनिया में उथल पुथल के बीच भारत और तुर्की के संबंधों में दूरी के संकेत दिखने को मिले हैं। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने भी दो दिन की यात्रा को रदद कर दिया गया है। अब बुधवार को भारत सरकार द्वारा भारतीय पर्यटकों के समक्ष एडवाइजरी जारी की गई है। इस एडवाइजरी में भारत सरकार ने तुर्की जाने वाले भारतीय पर्यटकों के लिए सलाह जारी करते हुए अत्यधिक सावधानी बरतने का अनुरोध किया है। बता दें कि संयुक्त राष्ट्र में कश्मीर मुद्दे को उठाने और फाइनेंशियल एक्शन टास्क फोर्स (एफएटीएफ) में पाकिस्तान का समर्थन करने पर भारत ने तुर्की से दूरी बना ली है। इसके मद्देनजर ही तुर्की को कड़ा संदेश देते हुए पीएम मोदी ने अपना दौरा रदद कर दिया।

भारत और तुर्की के रिश्तों में बदलाव
पिछले महीने तुर्की के राष्ट्रपति रेसेप तईप एर्दोगन ने संयुक्त राष्ट्र महासभा की बैठक में कश्मीर मुद्दे को उठाने के बाद भारत और तुर्की के रिश्तों में बदलाव आ गए हैं। बता दें कि एर्दोगन ने न सिर्फ कश्मीर का मुद्दा बल्कि भारत में मानवाधिकारों के उल्लंघन का भी जिक्र कर डाला था। उन्होंने कश्मीर पर अंतरराष्ट्रीय समुदाय की चुप्पी पर भी सवाल खड़े किए थे।

अंतरराष्ट्रीय समर्थन जुटाने में नाकाम पाक प्रधानमंत्री
मीडिया रिपोर्ट के अनुसार कश्मीर पर अंतरराष्ट्रीय समर्थन जुटाने में नाकाम रहे पाकिस्तानी प्रधानमंत्री इमरान खान को तुर्की, मलेशिया और चीन से जो समर्थन मिला वह डूबते को तिनके का सहारा जैसा लग रहा है। बता दें कि तुर्की से पहले मलेशियाई प्रधानमंत्री महातिर मोहम्मद ने कश्मीर को लेकर संयुक्त राष्ट्र में भारत को निशाना बनाया था। वहीं, चीन हमेशा से ही पाकिस्तान के समर्थन में रहा है। हालांकि, पाकिस्तान दुनिया के तमाम मंचों पर भी जाकर अपने गलत मंसूबों में कामयाब नहीं हो सका। वहीं, कश्मीर को लेकर पाकिस्तान का समर्थन करने पर तुर्की ने भारत से रिश्ते खराब कर लिए हैं।

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