उदंती अभयारण्य में कब्जाधारियों की मनमानी, जान देने को तैयार पर कब्जा छोड़ने को तैयार नहीं...

छत्तीसगढ़

छत्तीसगढ़ : गरियाबंद के उदंती अभयारण्य में वनों की अवैध कटाई की उच्च स्तरीय जांच और लगातार कार्यवाही के बाद भी कुछ समाधान होगा इसकी संभावनाएं कम ही नजर आ रही है। कब्जाधारी जान देने को तैयार है मगर कब्जा छोडने को तैयार नही हैं। बता दें कि, मामले के शिकायतकर्ताओं पर कब्जाधारियों से लेनदेन के गंभीर आरोप लग रहे हैं, ऐसे में कुछ समाधान होगा इसकी संभावना कम ही नजर आ रही है। मामले में 5 अक्टूबर से अब तक तीन बार रायपुर से उच्च स्तरीय जांच टीम पहुंचकर जंगलो की खाक छान चुकी है। बड़े पैमाने पर अवैध कटाई के सबूत भी मिल चुके हैं। अवैध कब्जाधारियों पर कार्यवाही भी की जा रही है।

कब्जाधारी जान देने को तैयार पर कब्जा छोड़ने को तैयार नहीं...
सोमवार को भी जांच टीम ने 16 कब्जाधारियों को गिरफ्तार किया है। जो जंगलों में झोपडी बनाकर रह रहे थे। इनमें पांच महिलाएं भी शामिल है। पकड़े गये आरोपियों के मुताबिक वे जान देने को तैयार है मगर कब्जा नही छोडेंगे। अपनी मजबूरी बताते हुए उन्होंने कहा कि उनके पास जीवनयापन का ओर कोई जरिया नहीं है। वन विभाग और वन समिति इससे पहले भी उन पर कई बार कार्यवाही कर चुकी है मगर कार्यवाही के बाद फिर आकर कब्जा कर लेते है।

विभागीय अधिकारी कर रहे जंगल को बचाने का दावा
इस मामले की उच्च स्तरीय शिकायत करने वालों पर भी ग्रामीणों ने गंभीर आरोप लगाये है, उनके मुताबिक शिकायतकर्ता कब्जाधारियों से पहले जंगल में कब्जा कराने में मदद करने और अब जेल से छुडाने के लिए पैसा ऐंठने के लिए ऐसा कर रहे हैं। हालांकि विभागीय अधिकारी जंगल को बचाने के लिए कार्यवाही जारी रखने का दावा कर रहे है।

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